नई रेलवे आरक्षण प्रणाली ‘विकल्प’ अप्रैल से होगी लागू, जानिए 10 बड़ी बातें

रेल मंत्रालय ने 'विकल्प' नामक एक नई आरक्षण प्रणाली की घोषणा की है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Wed, 22 Mar 2017 06:43 PM (IST) Updated:Wed, 22 Mar 2017 06:47 PM (IST)
नई रेलवे आरक्षण प्रणाली ‘विकल्प’ अप्रैल से होगी लागू, जानिए 10 बड़ी बातें
नई रेलवे आरक्षण प्रणाली ‘विकल्प’ अप्रैल से होगी लागू, जानिए 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने 'विकल्प' नामक एक नई आरक्षण प्रणाली या वैकल्पिक ट्रेन आवास योजना (एटीएएस) की घोषणा की है, जो कि 1 अप्रैल 2017 से अमल में आ जाएगी। विकल्प योजना के अंतर्गत वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को राजधानी, शताब्दी या अन्य प्रीमियम/विशेष ट्रेनों में यात्रा करने का अवसर मिल सकता है। भले ही उन्होंने अन्य मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों में एक ही गंतव्य के लिए टिकट बुक कराए हों। इसके लिए कोई शुल्क भी नहीं वसूला जाएगा। मंत्रालय की विकल्प योजना का उद्देश्य मेजर रुट्स पर प्रीमियम ट्रेनों में काफी सारी खाली बर्थ को भरना है। मौजूदा समय में रेलवे यह योजना चुनिंदा रुट्स पर पायलट आधार पर पेश करने जा रहा है।

विकल्प स्कीम के बारे में जानिए 10 बातें: शुरुआती तौर पर विकल्प योजना केवल ई-टिकट के लिए ही उपलब्ध होगी। इस स्कीम के तहत, वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को विकल्प स्कीम के चयन का मौका मिलेगा। विकल्प में उन यात्रियों का चयन किया जाएगा जिनका नाम चार्ट तैयार होने के बाद भी कन्फर्म नहीं होता है, केवल इन्हीं के लिए वैकल्पिक ट्रेन में आवंटन पर विचार किया जाएगा। इसके लिए न ही किसी यात्री से कोई अतिरिक्त शुल्क वसूला जाएगा और न ही किराए में अंतर होने पर रिफंड की सुविधा दी जाएगी। रेल यात्री को अल्टरनेट ट्रेन में सीट आबंटित कर दिए जाने के बाद उसे सामान्य यात्री ही माना जाएगा और वो अपग्रेडेशन के पात्र होंगे। रेलवे ने कहा कि विकल्प योजना के तहत हर ट्रेन में बर्थ के उपयोग की सुविधा मिल सकेगी। वेटिंग लिस्ट वाले यात्री जो विकल्प योजना का विकल्प चुनेंगे उन्हें चार्ट तैयार होने के बाद पीएनआर स्टेटस चेक करना चाहिए। किसी ट्रेन से वेटिंग लिस्ट वाले यात्री को नई ट्रेन आबंटित हो जाने के बाद इस ट्रेन में बोर्ड करने की अनुमति नहीं होगी। विकल्प का चयन करने वाले यात्री जिन्हें अल्टरनेट ट्रेन में अकोमडेशन दिया जा चुका है उनका नाम मूल ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में नहीं दर्ज किया जाएगा। जब विकल्प का चयन करने वाला कोई यात्री कैंसिल का विकल्प चुनता है इसके बाद उसे अल्टरनेट अकोमडेशन दे दिया जाता है और वो एक कन्फर्म्ड पैसेंजर के तौर पर माना जाता है। इसके बाद भी कैंसिलेशन के नियम नियमता लागू होंगे।

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