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MDH Masala Row: क्या एमडीएच के मसालों से हो सकता है कैंसर? जानें क्या कहा कंपनी ने

पिछले कुछ समय से भारतीय मसाला कंपनियों की दूसरे देशों में मुश्किलें बढ़ रही हैं। सिंगापुर और हांगकांग ने कथित तौर पर MDH और एवरेस्ट जैसे मशहूर भारतीय मसाला ब्रांड के कुछ प्रोडक्ट में कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाने के बाद प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि MDH ने अपने मसालों में किसी भी किस्म की गड़बड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Published: Sun, 28 Apr 2024 01:49 PM (IST)Updated: Sun, 28 Apr 2024 01:49 PM (IST)
MDH ने अपने मसालों में किसी भी किस्म की गड़बड़ी के आरोपों को खारिज किया है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से भारतीय मसाला कंपनियों की दूसरे देशों में मुश्किलें बढ़ रही हैं। सिंगापुर और हांगकांग ने कथित तौर पर MDH और एवरेस्ट जैसे मशहूर भारतीय मसाला ब्रांड के कुछ प्रोडक्ट में कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाने के बाद प्रतिबंध लगा दिया।

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हालांकि, MDH ने अपने मसालों में किसी भी किस्म की गड़बड़ी के आरोपों को खारिज कर दिया। उसने अपने ग्राहकों को भरोसा दिलाया कि उसके उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

एथिलीन ऑक्साइड मिलाने का आरोप

पिछले दिनों सिंगापुर और हांगकांग ने MDH और एवरेस्ट ने कुछ प्रोडक्ट्स पर बैन लगाते हुए कहा था कि इनमें एथिलीन ऑक्साइड (ethylene oxide) का स्तर काफी ज्यादा है। ये इंसानों के खाने लायक नहीं हैं और इनका लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर भी हो सकता है।

क्या एक्शन लिया है हांगकांग, सिंगापुर ने

हांगकांग ने व्यापारियों को निर्देश दिया है कि वे MDH के मद्रास करी पाउडर, एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच सांभर मसाला मिक्स मसाला पाउडर और एमडीएच करी पाउडर मिक्स मसाला पाउडर ना बेचें। वहीं, उपभोक्ताओं को ये ना खरीदने की सलाह दी गई है। सिंगापुर ने मसालों को वापस लेने का आदेश दे दिया है।

सफाई में क्या कहा MDH ने

MDH ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि कहा कि उसे हांगकांग और सिंगापुर के मसालों में गड़बड़ी के बारे में कोई नोटिस नहीं मिला है। वहीं, कुछ प्रोडक्ट्स में कथित तौर पर ETO (एथिलीन ऑक्साइड) की ज्यादा मात्रा को लेकर MDH ने कहा कि ये सभी दावे झूठे हैं, जिनका सपोर्ट करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

MDH को नहीं मिला नोटिस!

MDH ने यह भी कहा कि भारतीय मसाला बोर्ड और फूड रेगुलेटर FSSAI को भी अभी तक हांगकांग या सिंगापुर अधिकारियों से कोई नोटिस या टेस्ट रिपोर्ट नहीं मिली है। कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाते हुए दावा किया कि वह अपने मसालों की प्रोसेसिंग, पैंकिंग या फिर स्टोरेज के दौरान एथिलीन ऑक्साइड (ETO) का इस्तेमाल नहीं करती।

Everest ने क्या कहा था?

एवरेस्ट ने भी 23 अप्रैल 2024 को एक बयान में अपने मसालों को पूरी तरह से सुरक्षित बताया था। कंपनी ने कहा था कि मसाला बोर्ड की प्रयोगशालाओं से जरूरी मंजूरी मिलने के बाद ही उसके प्रोडक्ट्स को निर्यात किया जाता है। एवरेस्ट के निदेशक राजीव शाह का दावा था कि सिंगापुर ने एवरेस्ट के 60 प्रोडक्ट्स में से सिर्फ एक को जांच के लिए रखा था।

(एजेंसी से इनपुट के साथ)

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