Cryptocurrency में पैसा लगाते हैं तो इन रूल को करना होगा फॉलो, जानिए RBI का बड़ा बयान

Cryptocurrency में इन्‍वेस्‍ट करने वालों के लिए अच्‍छी खबर है। RBI के अपनी रोक की बात खारिज करने के बाद अब इंटरनेट एसोसिएशन ने कहा है कि उसने एक Self regulated आचार संहिता स्थापित की है जो इस बात पर ध्यान देगी कि सभी नियम मानें।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 10:36 AM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 06:19 PM (IST)
Cryptocurrency में पैसा लगाते हैं तो इन रूल को करना होगा फॉलो, जानिए RBI का बड़ा बयान
आभासी (Crypto) मुद्रा में लेन-देन करने वाले KYC, Tax और दूसरे नियमों का पालन करें। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Cryptocurrency में इन्‍वेस्‍ट करने वालों के लिए अच्‍छी खबर है। RBI के अपनी रोक की बात खारिज करने के बाद अब इंटरनेट एसोसिएशन ने कहा है कि उसने एक Self regulated आचार संहिता स्थापित की है, जो इस बात पर ध्यान देगी कि आभासी (Crypto) मुद्रा एक्सचेंज में लेन-देन करने वाले सभी सदस्य स्वैच्छिक रूप से KYC, Tax और दूसरे नियमों का पालन करें।

इससे पहले रिजर्व बैंक ने बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और दूसरे लोगों से कहा है कि वह उसके अप्रैल 2018 में आभासी मुद्रा (Digital Currency) के बारे में जारी सर्कुलर को Cancel समझें और ग्राहकों को संदेश में उसका उल्लेख न करें। इस सर्कुलर को बाद में Supreme Court ने खारिज कर दिया था। बयान के मुताबिक एक्‍सपर्ट का पैनल भी बनाया जा रहा है, जो इन नियमों के पालन की देख-रेख करेगा।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसियेशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के तहत बनाए गए ब्लॉकचेन एंड क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC) ने रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को दी गयी, उसके 2018 के सर्कुलर का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह का स्वागत किया। इस सर्कुलर में उपभोक्ताओं के आभासी मुद्रा से जुड़े लेन-देन स्वीकार नहीं करने की बैंकों को सलाह दी गई थी।

IAMAI-BACC ने कहा, "एसोसिएशन को उम्मीद है कि सर्कुलर आरबीआई/2021-22/45 द्वारा दिए गए इन स्पष्टीकरणों के साथ वे अटकलें खत्म हो जाएंगी कि बैंक आभासी मुद्रा से जुड़े लेन-देन को छह जून, 2021 से रोक रहे हैं।"

संस्‍था ने सुझाव दिया कि सरकार को Crypto एसेट को संसद के कानून के जरिए नियमन के दायरे में लाना चाहिए। बहरहाल आईएएमएआई- बीएसीसी का मानना है कि एसोसियेसन के क्रिप्टो एक्सचेंज सदस्यों ने अपने लिए आचार संहिता तय की है, जिसका वह अनुपालन करेंगे।

रिजर्व बैंक ने सर्कुलर 6 अप्रैल 2018 को जारी किया था। इसमें कहा गया था कि उसके नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों को आभासी मुद्राओं से संबंधित किसी भी तरह की सेवाएं देने से प्रतिबंधित किया जाता है। इनमें आभासी मुद्राओं की खरीद फरोख्त से संबंधित खातों में आने जाने वाली रकम संबंधी सेवाओं पर भी रोक लगाने को कहा गया था।

रिजर्व बैंक ने इस संबंध में कहा है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों के जरिये उसके संज्ञान में आया है कि कुछ बैंक और रेगुलेटर अपने ग्राहकों को 6 अप्रैल 2018 को जारी सर्कुलर का संदर्भ देते हुए आभासी मुद्रा में लेन-देन से आगाह कर रहे हैं।

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