TDS और फॉर्म 26AS का मिलान क्यों है जरूरी, जानिए

आईटीआर भरने में टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) और फॉर्म 26एएस का मिलान जरूरी होता है।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 18 Jul 2019 03:32 PM (IST) Updated:Sun, 21 Jul 2019 09:51 AM (IST)
TDS और फॉर्म 26AS का मिलान क्यों है जरूरी, जानिए
TDS और फॉर्म 26AS का मिलान क्यों है जरूरी, जानिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आईटीआर भरने में टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) और फॉर्म 26एएस का मिलान जरूरी होता है। हालांकि, फॉर्म 16 में इस बात की जनकारी होती है कि एंप्लॉयर ने कितना टीडीएस काटा, लेकिन फॉर्म 26 एएस देखना भी जरूरी है। इसमें कई तरह के टीडीएस डीटेल्स की जानकारी होती है।

क्या है TDS

जो कंपनी टीडीएस काटती है वह एक सर्टिफिकेट (फॉर्म 16/16ए) संबंधित डिडक्टी को जारी करती है, जिसमें काटी गई रकम की जानकारी दी होती है। कई बार लोगों को लगता है कि उनका जो टीडीएस कट रहा है वह उसका सही क्रेडिट क्लेम कर पा रहे हैं या नहीं। बता दें कि टीडीएस सर्टिफिकेट का आंकड़ा आपके फॉर्म 26 एएस के आंकड़े से मैच करना चाहिए। इसलिए दोनों फॉर्म को देखकर यह पक्का कर लें कि आप सही क्रेडिट क्लेम कर रहे हैं।

इसके अलावा फॉर्म 26एएस चेक करने से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में गलतियां पकड़ने में मदद मिल सकती है। जिनमें गलत असेसमेंट इयर, टीडीएस रिटर्न में डिडक्टी के चालान की गलत जानकारी, गलत टीडीएस अमाउंट की जानकारी देने, टीडीएस काटने लेकिन जॉइंट ओनरशिप के मामले में इसे को-ओनर के फेवर में जमा न करने जैसी कई गलतियां प्रमुख हैं। इन गलतियों की वजह से फॉर्म 26एएस में इनकम या टैक्स की गलत जानकारी दर्ज हो सकती है।

इसके अलावा फॉर्म 26एएस में अडवांस टैक्स और सेल्फ असेसमेंट टैक्स की जानकारी न होने और किसी दूसरे PAN से जुड़े टीडीएस का ब्योरा आपके फॉर्म 26एएस में दिखने जैसी गलतियों की संभावना भी बढ़ जाती है।

फॉर्म 26एएस

सबसे पहले तो अगर आपको किसी बैंकर या किसी भी जांचकर्ता से फॉर्म 26एएस मिलता है तो उसकी प्रामाणिकता की जांच कर उसकी वैधता परख लें।  

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