सेक्शन 80C: कैसे पाएं छूट, कब मिलता है फायदा, जानिए सब कुछ

हम इस खबर में कुछ ऐसे निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं जिनसे आप धारा 80सी के तहत छूट का लाभ ले सकते हैं।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 10 Jan 2019 04:02 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jan 2019 04:00 PM (IST)
सेक्शन 80C: कैसे पाएं छूट, कब मिलता है फायदा, जानिए सब कुछ
सेक्शन 80C: कैसे पाएं छूट, कब मिलता है फायदा, जानिए सब कुछ

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वैसे तो टैक्स से बचना और कमाई छिपाना एक अपराध है लेकिन फिर भी लोग टैक्स में कटौती के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं की मदद लेते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत निवेश के माध्यम से प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक बचा सकता है। इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाली कुछ निवेश योजनाओं में जीवन बीमा योजना, गृह ऋण के प्रमुख घटक की चुकौती, एनपीएस, कर बचत एफडी, पीपीएफ, एनएससी, ईएलएसएस, पांच वर्षीय डाकघर समय जमा जैसे कई निवेश विकल्प हैं। हम इस खबर में कुछ ऐसे निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं जिनसे आप धारा 80सी के तहत छूट का लाभ ले सकते हैं।

बच्चों के फीस में छूट

आयकर कानून 1961 के सेक्शन 80C के तहत ट्यूशन फीस पर टैक्स में छूट मिलती है। इस रकम को 1.5 लाख रुपये की टैक्स फ्री निवेश राशि में शामिल किया जा सकता है। ट्यूशन फीस को सालाना कमाई से घटा दिया जाता है, इससे टैक्स देनदारी कम हो जाती है। इसके लिए शिक्षा संस्थान का पूर्णकालिक संस्थान होना जरूरी है। इसमें प्ले स्कूल, प्री-नर्सरी और नर्सरी कक्षाएं भी शामिल हैं। यह संस्थान निजी, सरकारी या सरकारी मदद से चलने वाला हो सकता है।

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम

स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर भुगतान किए गए प्रीमियम और परिवार को धारा 80 डी के तहत कटौती के लिए छूट प्राप्त है। एक व्यक्ति को अपने और परिवार के लिए भुगतान किए गए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 25,000 रुपये प्रति वर्ष कटौती की छूट मिल सकती है। यदि आप आश्रित माता-पिता के स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रीमियम का भुगतान करते हैं, तो आप अतिरिक्त 25,000 रुपये की कटौती कर सकते हैं और यदि आपके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं तो आप सालना 30,000 ररुपये तक की कटौती कर सकते हैं।

पीपीएफ

निवेश और टैक्स बचत के लिहाज से यह एक शानदार स्कीम है। इसमें निवेश के लिए नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं है। पीपीएफ में किया गया निवेश आयकर की धारा 80C के तहत कर छूट के दायरे में आता है। इसके तहत एक वित्त वर्ष के दौरान सिर्फ 1.5 लाख तक की कर छूट का ही दावा किया जा सकता है।

ईपीएफ

यह नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स सेविंग का बेहतर टूल होता है। ईपीएफ में जमा राशि में से कर्मचारी के योगदान पर आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट का क्लेम किया जा सकता है। यह सीमा सिर्फ 1.5 लाख रुपए तक की ही है। यह राशि आपकी सैलरी का 12 फीसद हिस्सा होती है जिसे आपका नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में आपके ईपीएफ अकाउंट में जमा कराता है। ईपीएफ पर फिलहाल 8.55 फीसद की दर से ब्याज दिया जाता है।

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