SCSS: अगर आपके पास है सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, तो रिटायरमेंट के बाद भी होती रहेगी आमदनी

इस स्कीम में तिमाही आधार पर एक तय ब्याज दर पर ब्याज का भुगतान होता है। अगर बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले देखा जाए तो यह स्कीम बेहतर है।

By NiteshEdited By: Publish:Sat, 10 Aug 2019 06:49 PM (IST) Updated:Mon, 12 Aug 2019 08:23 AM (IST)
SCSS: अगर आपके पास है सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, तो रिटायरमेंट के बाद भी होती रहेगी आमदनी
SCSS: अगर आपके पास है सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम, तो रिटायरमेंट के बाद भी होती रहेगी आमदनी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिटायरमेंट के बाद नियमित आमदनी के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) बेहतर विकल्प है। इस स्कीम में तिमाही आधार पर एक तय ब्याज दर पर ब्याज का भुगतान होता है। अगर बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले देखा जाए तो यह स्कीम बेहतर है। अभी SCSS पर ब्याज की दर 8.7 फीसद मिल रही है। सरकार हर तीन महीने में इसकी ब्याज दर तय करती है। इसके अलावा सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (SWP) का विकल्प भी अच्छा माना जाता है। नियमित रूप से एक तय रकम निकालने के लिए शॉर्ट ड्यूरेशन डेट म्यूचुअल फंड में एसडब्लूपी शुरू किया जा सकता है।

बता दें कि सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान एक तरह की सुविधा है, इसके जरिये निवेशक एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम से वापस पाते हैं। उन्हें कितने समय में कितना पैसा निकालना है, यह वह खुद तय करते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह काम वह मासिक या तिमाही आधार पर कर सकते हैं। वैसे मंथली वाला विकल्प ज्यादा लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। ये निवेशक के ऊपर निर्भर करता है कि वह चाहें तो केवल एक निश्चित रकम निकालें या फिर चाहें तो वे निवेश पर कैपिटल गेंस को निकाल सकते हैं। यहां सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि स्कीम से निकासी रिटर्न से ज्यादा नहीं होना चाहिए वरना पूंजी घटने लगेगी।

इसके अलावा निवेश की रकम का करीब 20 फीसद डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में लगाना भी फायदेमंद होता है। इससे पोर्टफोलियो महंगाई की रफ्तार को पीछे छोड़ जाता है। डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) शुरू किया जा सकता है। 

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