EPF योगदान में कटौती की भरपाई के लिए कर्मचारी VPF और PPF में कर सकते हैं निवेश
EPF योगदान में कटौती से कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड में तीन महीने तक बेसिक वेतन+डीए का चार फीसद कम जमा होगा।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने 13 मई को एक बड़ी घोषणा की थी। इसमें सरकार ने कर्मचारियों के हाथों में अधिक वेतन पहुंचाने और नियोक्ताओं को भी बकाया पीएफ भुगतान में राहत देते हुए एक घोषणा की थी। सरकार ने अगले तीन महीने तक कर्मचारी और संस्थान के ईपीएफ के योगदान को 12-12 फीसद से घटाकर 10-10 फीसद करने की घोषणा की थी। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 6.5 लाख संस्थानों और 4.3 करोड़ कर्मचारियों को फायदा होगा। साथ ही इस योजना से नियोक्ताओं और कर्मचारियों को तीन महीने में 6750 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी मिलेगी।
रिटायरमेंट फंड पर पड़ेगा असर
अब ईपीएफ योगदान घटने से कर्मचारियी के हाथ में ज्यादा वेतन तो पहुंचेगा, लेकिन इसका असर कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड पर भी पड़ेगा। कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड में तीन महीने तक बेसिक वेतन+डीए का चार फीसद कम जमा होगा। भले ही यह रकम अभी कम लगे, लेकिन लंबी अवधि के निवेश में मैच्योरिटी के समय यह रकम काफी बड़ी होगी। इसके अलावा आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत मिलने वाली कर छूट का पूरा फायदा उठाने के लिए भी कर्मचारी को दूसरी टैक्स-सेविंग निवेश योजनाओं की ओर जाना पड़ सकता है। सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, जिन लोगों के पास इस समय पर्याप्त नकदी है, वे अपने रिटायरमेंट फंड के लिए पर्याप्त नकदी दे सकते हैं। वे वीपीएफ (VPF) के जरिए रिटायरमेंट फंड को हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। साथ ही वे पीपीएफ (PPF) के लिए भी जा सकते हैं।
जानिए क्या है VPF
वीपीएफ (VPF) यानी वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड भी एक रिटायरमेंट प्लानिंग स्कीम है। यह ईपीएफ से मिलती जुलती स्कीम है। वीपीएफ में केवल ईपीएफओ (EPFO) में रजिस्टर्ड वेतनभोगी कर्मचारी ही निवेश कर सकते हैं। कंपनी के एचआर या पीडी विभाग में इस योजना के लिए एक अतिरिक्त योगदान शुरू करने का निवेदन करके वीपीएफ में निवेश शुरू किया जा सकता है। वीपीएफ में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का अधिकतम 100 फीसद निवेश कर सकता है। वीपीएफ अकाउंट के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वेतन से एक निश्चित राशि काटी जाती है। यहां कर्मचारी को सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर के हिसाब से रिटर्न प्राप्त होता है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत इस योजना पर निवेश में 1.5 लाख तक की आयकर छूट मिलती है।
जानिए क्या है PPF
पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। अर्थात यह योजना लंबे समय के आर्थिक लक्ष्य के लिए है। इस योजना में निवेश कर आसानी से एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार किया जा सकता है। यह योजना टैक्स फ्री EEE स्टेटस के साथ आती है। पीपीएफ में एक साल में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की राशि टैक्स फ्री होती है। हाल ही में इस योजना की ब्याज दर में कटौती कर इसे 7.1 फीसद कर दिया गया है।