विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने से दीवालिया होने के कगार पर पाकिस्तान, रुपया हुआ तबाह-IMF से मदद मांगने की तैयारी

चीन के अलावा सऊदी अरब ने भी इस मुश्किल वक्त में पाकिस्तान की मदद करने से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।

By Abhishek ParasharEdited By: Publish:Wed, 10 Oct 2018 01:13 PM (IST) Updated:Wed, 10 Oct 2018 01:13 PM (IST)
विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने से दीवालिया होने के कगार पर पाकिस्तान, रुपया हुआ तबाह-IMF से मदद मांगने की तैयारी

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इमरान खान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पाकिस्तान अपनी आर्थिक हालत को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था डिफॉल्ट के कगार पर खड़ी है और इसे बचाने के लिए वहां की सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है।

पाकिस्तानी अखबार द डॉन में प्रकाशित खबरों के मुताबिक वहां के वित्त मंत्री असद उमर ने कहा है, ‘मौजूदा हालात का जायजा लेने और मशहूर अर्थशास्त्रियों से चर्चा करने के बाद सरकार ने आईएमएफ के पास जाने का फैसला किया है।’ पाकिस्तान के सबसे करीबी दोस्त चीन की तरफ से कोई वित्तीय मदद नहीं दिए जाने के बाद आईएमएफ से बेल आउट पैकेज लिए जाने का फैसला लिया गया है। वहीं आईएमएफ ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर चीन के बढ़ते कर्ज को लेकर उसे आगाह किया है।

चीन के अलावा सऊदी अरब ने भी इस मुश्किल वक्त में पाकिस्तान की मदद करने से अपने हाथ खड़े कर दिए हैं।

खाली हो रहा विदेशी मुद्रा भंडार गौरतलब है कि पाकिस्तान के स्टेट बैंक ने सरकार को बताया है कि उसके पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करीब 10 अरब डॉलर के फंड की जरूरत है, जिसे आईएमएफ की मदद के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाओं पर असर पड़ा है और एशियाई देशों में पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा शिकार हुआ है।

तेल की कीमतों में हुए इजाफे की वजह से पाकिस्तान के आयात बिल में इजाफा हुआ है और इसका सीधा असर देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ा है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार खाली हो रहा है और रुपये के बर्बाद होने से उसे कोई राहत नहीं मिल रही है।

पाकिस्तानी रुपया हुआ तबाह  कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से डॉलर के मुकाबले सभी देशों की मुद्राएं कमजोर हुए हैं। हालांकि पाकिस्तानी रुपया इससे पूरी तरह बर्बाद होता नजर आ रहा है।

पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत133 रुपये से अधिक हो चुकी है। पाकिस्तानी मीडिया ने विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि निकट भविष्य में यह 150 के स्तर को पार कर सकता है।

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पर 91.8 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को कंगाली से बचने के लिए आईएमएफ के पास जाने की जरूरत पड़ी है। 1900 के बाद से आईएमएफ 10 बार पाकिस्तान की शरण में जा चुका है।

शेयर बाजार में हड़कंप  पाकिस्तान की खराब माली हालत का असर वहां के शेयर बाजार पर भी पड़ा है और पिछले एक हफ्ते में केएसई इंडेक्स करीब 1500 से अधिक अंक टूट चुका है। 

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