जल्द LIC बैंकिंग सेक्टर में रखेगा कदम
सरकार आइडीबीआइ बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बीमा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एलआइसी बैंकिंग सेक्टर में कदम रखने की तैयारी कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के आइडीबीआइ बैंक में हिस्सेदारी खरीद के सौदे से इस दिशा में बढ़ने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि आइडीबीआइ की कर्ज में डूबी बैलेंसशीट के बावजूद सौदा दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सरकार आइडीबीआइ बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। अभी इसमें सरकार की हिस्सेदारी 80.96 फीसद है, जिसे 50 फीसद से नीचे लाने का लक्ष्य है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट भाषण में इसका संकेत दिया था। बैंक में 10 फीसद हिस्सेदारी पहले से एलआइसी के पास है। माना जा रहा है कि सौदा पूरा होने के बाद एलआइसी की हिस्सेदारी आइडीबीआइ बैंक में 50 फीसद से अधिक हो जाएगी।
एक दिन पहले ही वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि एलआइसी और आइडीबीआइ बैंक दोनों स्वतंत्र इकाइयां हैं। दोनों के बोर्ड सौदे पर फैसला करेंगे। सरकार इस सौदे में निर्णायक की भूमिका नहीं निभाएगी। सूत्रों का कहना है कि सौदे की रूपरेखा तैयार हो गई है। आइडीबीआइ लगातार बढ़ते फंसे कर्जो यानी एनपीए के चलते दबाव में है। मार्च तिमाही में बैंक का सकल एनपीए 55,600 करोड़ रुपये के भारी-भरकम स्तर पर पहुंच गया था। इस तिमाही में बैंक का शुद्ध घाटा 5,663 करोड़ रुपये रहा था। बैंक का बाजार पूंजीकरण करीब 23,000 करोड़ रुपये है, जबकि रियल एस्टेट एसेट और इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो का अनुमानित आकार 20,000 करोड़ रुपये है।