डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर, 7 पैसे गिरकर 69.12 पर खुला

रुपये में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिली है। एक डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे कमजोर होकर 691.2 के स्तर पर खुला है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 10:32 AM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 02:18 PM (IST)
डॉलर के मुकाबले रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर, 7 पैसे गिरकर 69.12 पर खुला

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव समेत अन्य वैश्विक कारणों से बने दबाव की वजह से रुपया अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया है। शुक्रवार को कारोबार के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 7 पैसे कमजोर होकर 69.12 के स्तर पर खुला, जो अब तक का सबसे कमजोर और निचला स्तर है।

रुपये ने इससे पहले 28 जून को 69.09 का रिकॉर्ड लो छुआ था। शुक्रवार की सुबह डॉलर के मुकाबले सभी वैश्विक मुद्राओं में गिरावट देखने को मिल रही है। इसी के साथ गुरुवार को चीनी मुद्रा युआन एक वर्ष के निचले स्तर पर आ गई थी।

क्या कहना है एक्सपर्ट का-

केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने रुपये में आई इस गिरावट का मुख्य कारण ट्रेड वार की तनातनी, डॉलर इंडेक्स में मजबूती, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग, वस्तु एवं सेवा कर संग्रह में गिरावट, विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से निकासी आदि रहे हैं।

रुपये की कमजोरी से भी होते हैं फायदे, जानिए

रुपये का कमजोर होना कई मायनों में देश के लिए फायदेमंद भी है। रुपये की कमजोरी यानी डॉलर के मजबूत होने से आईटी और फॉर्मा के साथ ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा होता है। इन सेक्टर से जुड़ी कंपनियों की ज्यादा कमाई एक्सपोर्ट बेस्ड होती है। ऐसे में डॉलर की मजबूती से टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी आईटी कंपनियों को फायदा होता है। वहीं डॉलर की मजबूती से ओएनजीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों को भी फायदा होता है क्योंकि ये डॉलर में फ्यूल बेचती हैं।

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