PPF, Sukanya और RD खाता हो गया है इनएक्टिव, तो उसे ऐसे दोबारा करवा सकते हैं चालू

PPF अकाउंट के एक बार के इनएक्टिव हो जाने पर खाताधारक खाते से आंशिक निकासी नहीं कर सकता है और लोन की सुविधा का लाभ भी नहीं उठा सकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 06:04 PM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2019 03:41 PM (IST)
PPF, Sukanya और RD खाता हो गया है इनएक्टिव, तो उसे ऐसे दोबारा करवा सकते हैं चालू
PPF, Sukanya और RD खाता हो गया है इनएक्टिव, तो उसे ऐसे दोबारा करवा सकते हैं चालू

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपने सभी इन्वेस्टमेंट को नियमित बनाए रखना किसी के लिए भी थोड़ा कठिन हो सकता है। कई बार होता है कि हम अपने निवेश को एक्टिव रखने लायक भी योगदान समय पर नहीं कर पाते हैं। इसीलिए अपने निवेश में समय पर योगदान देने के लिए लोग ऑटो-डेबिट सुविधा का लाभ उठाते हैं। अगर ऐसी परिस्थिति आए जिसमें आपका निवेश अकाउंट एक्टिव नहीं रहे, तो अपने निवेश को पुनर्जीवित करने के लिए निवेशक यह प्रक्रिया अपना सकते हैं।

1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

अगर आप किसी वित्त वर्ष में इस अकाउंट में 500 रुपये जमा नहीं करते हैं, तो पीएफ अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। हालांकि, अकाउंट के डिपॉजिट से लगातार ब्याज मिल रहा होता है। एक बार अकाउंट के इनएक्टिव हो जाने पर खाताधारक खाते से आंशिक निकासी नहीं कर सकता है और लोन की सुविधा का लाभ भी नहीं उठा सकता है। इस अकाउंट को पुनर्जीवित करने के लिए ग्राहक को पॉस्ट ऑफिस या बैंक ब्रांच जाना होगा और अकाउंट को पुनर्जीवित करने की रिक्वेस्ट डालनी होगी। आपको इनएक्टिविटी के हर साल के लिए 50 रुपये पेनेल्टी चार्ज और गैर भुगतान का न्यूनतम 500 रुपये जमा कराना होगा।

2. सुकन्या समृद्धि योजना

अगर आप इस योजना में एक साल में 250 रुपये जमा नहीं करा पाते हैं, तो आपका अकाउंट डिसकंटिन्यू हो जाता है। इस अकाउंट को पुनर्जीवित करने के लिए ग्राहक को पोस्ट ऑफिस या बैंक ब्रांच में जाकर अकाउंट को पुनर्जीवित करने के लिए रिक्वेस्ट देनी होगी। इस अकाउंट को एक्टिव करने के लिए ग्राहक को गैर-भुगतान का न्यूनतम 1,000 रुपये सालाना और इनएक्टिव का सालाना 50 रुपये चार्ज देना होता है।

3. बैंक आवर्ती जमा (आरडी)

अगर आप अपनी किश्तों के भुगतान से चूक जाते हैं, तो आपका आरडी अकाउंट इनएक्टिव हो जाता है। अगर ग्राहक तीन या अधिक किश्तें भरने से चूक गया है, तो उसे गैर भुगतान के हर महीने पर लगने वाला नॉन-डिपॉजिट चार्ज और 10 रुपये सर्विस चार्ज देना होगा। वहीं, अगर ग्राहक लगातार छह किश्तें भरने से चूक गया है, तो अकाउंट स्थायी रूप से बंद कर दिया जाता है और बेलेंस खाताधारक को दे दिया जाता है।

4. हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी

अगर 30 दिन के ग्रेस पीरियड में पेमेंट नहीं होता है, तो आप हेल्थ पॉलिसी से चूक जाते हैं। वहीं, इस समय के लिए कोई कवरेज भी नहीं होता है। यहां यह ध्यान रखें कि ग्राहक द्वारा एक प्रीमियम पेमेंट से ज्यादा चूक जाने पर पॉलिसी पुनर्जीवित नहीं होती है।

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