यूलिप में निवेश का सही समय

नए साल में जीवन बीमा ग्राहकों के लिए कैसे बदलाव आने की संभावना है? जीवन बीमा उद्योग भी अन्य की तरह अर्थव्यवस्था की रफ्तार के बढ़ने की उम्मीद लगाए हुए है। मुझे लगता है कि जीवन बीमा में तकनीकी का उपयोग तेजी से बढ़ेगा। इसके साथ ही चूंकि शेयर बाजार के

By Edited By: Publish:Mon, 16 Feb 2015 05:55 AM (IST) Updated:Mon, 16 Feb 2015 05:58 AM (IST)
यूलिप में निवेश का सही समय

नए साल में जीवन बीमा ग्राहकों के लिए कैसे बदलाव आने की संभावना है?
जीवन बीमा उद्योग भी अन्य की तरह अर्थव्यवस्था की रफ्तार के बढ़ने की उम्मीद लगाए हुए है। मुझे लगता है कि जीवन बीमा में तकनीकी का उपयोग तेजी से बढ़ेगा। इसके साथ ही चूंकि शेयर बाजार के प्रदर्शन को लेकर ज्यादातर लोग आशान्वित हैं, इसलिए यूनिट लिंक्ड पॉलिसियों यानी यूलिप की मांग भी बढ़ेगी। हम पहले से ही एक खास वर्ग के बीच इस तरह की पॉलिसियां बेच रहे हैं। निवेशकों को यूलिप को अपने समूचे पोर्टफोलियो में शामिल करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि यह एक अच्छा समय है। जोखिम उठाने की क्षमता और अपनी आवश्कता के बीच सामंजस्य बिठाते हुए ग्राहक शेयर बाजार में ज्यादा निवेश का विकल्प चुन सकते हैं। अगर आप ज्यादा जोखिम नहीं उठा सकते तो फिर इक्विटी में कम निवेश वाली पॉलिसियों का भी चयन कर सकते हैं। वैसे बदलाव कोई भी हो ग्राहकों को अपनी रणनीति के मूल भूत तत्वों में कोई तब्दीली नहीं करनी चाहिए। जीवन बीमा पॉलिसियों में कम से कम 10 वर्ष या इससे ज्यादा अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। इसके साथ ही अगर जोखिम लेने की क्षमता एकदम नहीं है तो भी जीवन बीमा की सामान्य एंडोमेंट पॉलिसी से भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है।

आपने यूनिट लिंक्ड पॉलसियों का जिक्र किया है, इनके भविष्य को कैसे देखते हैं आप?
देखिए, जिन ग्राहकों के लंबी अवधि के लक्ष्य हैं और जो जानते हैं कि भविष्य में उन्हें क्या चाहिए, उनके लिए यूलिप एक बेहतरीन उत्पाद है। केंद्र में एक स्थायी सरकार है। इसकी वजह से भारत की आर्थिक प्रगति को लेकर सभी को भरोसा हो रहा है। शेयर बाजार से भी इसके संकेत मिल रहे हैं। निवेशकों के मन में भारतीय शेयर बाजार को लेकर आकर्षण नए सिरे से बढ़ने लगा है। ऐसे में मुझे लगता है कि यूनिट लिंक्ड बीमा उत्पादों यानी यूलिप का भविष्य भी अच्छा रहेगा। इस वजह से ग्राहकों में इसके प्रति आकर्षण और बढ़ेगा।

आपकी कंपनी इस वर्ष किस तरह की पॉलिसियां लांच करने पर ध्यान देगी?
भारत की एक प्रमुख जीवन बीमा कंपनी होने के नाते हमारी हमेशा कोशिश होती है कि ग्राहकों को उस तरह की पॉलिसियां दें जो न सिर्फ अनूठी हों, बल्कि उनकी बदलती जरूरतों के मुताबिक हों। इस वर्ष हम कई नई पॉलिसियों को लांच करने की तैयारी में हैं। चूंकि बाजार में हेल्थ बीमा को लेकर ग्राहकों में नए सिरे से रुचि जगी है, इसलिए जल्द क्रिटिकल बीमारियों से जुड़ी एक पॉलिसी लांच करने जा रहे हैं। हाल ही में हमने मेट कॉलेज प्लान लांच किया है। इसके अलावा हम ऑनलाइन बीमा उत्पादों पर भी ज्यादा ध्यान देने जा रहे हैं।

बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने के फैसले को कैसे देखते हैं?
बीमा क्षेत्र को विदेशी कंपनियों के लिए वर्ष 2000 में खोला गया था। उसके बाद से इस बाजार में दर्जनों विदेशी कंपनियां प्रवेश कर चुकी हैं। बीमा कारोबार का काफी विस्तार हो चुका है। निजी बीमा कंपनियों ने सरकारी क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम की हिस्सेदारी खाने के बजाय बाजार का विस्तार कर अपना आकार बढ़ा रही हैं। वर्ष 2000 में देश की अर्थव्यवस्था के आकार का जीवन बीमा कारोबार महज 1.7 फीसद था। आज यह बढ़कर चार फीसद से ज्यादा हो चुका है। देश की बीमा कंपनियों को आने वाले दिनों में और तेजी से विस्तार करना है। इन्हें ज्यादा लोग रखने होंगे, ज्यादा कार्यालय खोलने होंगे, तकनीकी पर खर्च करना होगा। इसके लिए ढेर सारा निवेश चाहिए। यह निवेश विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाकर ही आ सकता है। उनकी हिस्सेदारी बढ़ने के कई फायदे हैं। यह देश में बीमा के विस्तार को मदद देगा। इसका फायदा अर्थव्यवस्था के साथ ही आम ग्राहकों को भी मिलेगा।
तरुण चुग
एमडी एवं सीईओ
पीएनबी मेटलाइफ
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