बजट की घोषणाओं का बीमा कारोबार पर पड़ेगा असर
सवाल- बजट की घोषणाओं का जीवन बीमा कारोबार पर क्या असर पड़ेगा? जवाब- आम बजट 2014-15 में एक घोषणा है जो जीवन बीमा क्षेत्र के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। यह घोषणा है आयकर कानून की धारा
सवाल- बजट की घोषणाओं का जीवन बीमा कारोबार पर क्या असर पड़ेगा?
जवाब- आम बजट 2014-15 में एक घोषणा है जो जीवन बीमा क्षेत्र के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। यह घोषणा है आयकर कानून की धारा 80सी के तहत निवेश छूट की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये करना। इससे निवेशकों को जीवन बीमा पॉलिसी करवाने का एक और मौका मिलेगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि देश में बीमा कवरेज बढ़ाने के लिए वह संबंधित पक्षों के साथ मिलकर उचित कदम उठाएंगे। माइक्रो इंश्योरेंस उत्पादों को भी कर छूट देने की बात कही गई है। यह भी एक अच्छा कदम है, जो आगे चलकर समाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। बजाज एलायंज लाइफ इंश्योरेंस को भरोसा है कि सरकार की इन घोषणाओं से देश में बीमा बाजार का विस्तार होगा जिसका फायदा बड़ी संख्या में आम जनता को होगा।
सवाल- क्या वजह है कि बीमा कंपनियां अब सामान्य पॉलिसियों को कहीं ज्यादा प्रोत्साहन दे रही हैं?
जवाब- देखिए, पारंपरिक और गैर पारंपरिक बीमा पॉलिसियों के अपने फायदे और नुकसान हैं। कुछ लोग जीवन बीमा कवरेज के साथ सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं, यह वर्ग ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहता। लेकिन निवेशकों का एक ऐसा वर्ग भी है जो जोखिम लेना चाहता है और उसे बाजार आधारित बीमा उत्पादों से कोई परहेज नहीं है। ऐसे ग्राहकों के लिए ही बीमा कंपनियों ने जोखिम की मात्रा तय करते हुए यूलिप व सामान्य बीमा पॉलिसियों के मिश्रण से कुछ उत्पाद तैयार किए हैं। यूलिप उत्पाद जब नए थे, तब शेयर बाजार में भी जबरदस्त तेजी थी। इस वजह से निवेशकों ने इसे हाथोंहाथ लिया था। गड़बड़ी यह हो गई कि इसे उन्हें भी बेचा गया जिन्हें इनकी जरूरत नहीं थी मतलब जो यूलिप का जोखिम नहीं ले सकते थे। क्योंकि यूलिप का फायदा तभी मिलता है, जब आप इसे लंबी अवधि तक बनाए रखें। बाजार में जब गिरावट आई तो निवेशकों को इससे काफी झटका लगा। हालांकि अब बाजार में फिर तेजी है और यूलिप उत्पादों का आकर्षण फिर से लौट रहा है। बजाज एलायंज की कोशिश है कि 70 फीसद सामान्य और 30 फीसद यूलिप उत्पादों का मिश्रण तैयार हो।
सवाल- मिस-सेलिंग जीवन बीमा उद्योग की एक अहम समस्या है, आपकी कंपनी इससे निबटने के लिए क्या कदम उठा रही है?
जवाब- आप सही कहते हैं कि गलत जानकारी देकर बीमा उत्पादों को बेचना यानी मिस-सेलिंग जीवन बीमा उद्योग की एक बड़ी समस्या है। हालांकि कंपनियां अब इसे दूर कर रही हैं। सबसे पहले तो हम अपने एजेंटों को बेहतर प्रशिक्षण दे रहे हैं जिसमें हर पॉलिसी के बारे में विस्तार से बताया जाता है। हमने इस उद्देश्य से बजाज एलायंज बीमा ज्योति ऑनलाइन ट्रेनिंग पोर्टल की भी शुरुआत की है। इसके अलावा ग्राहकों को फोन कर उनके उत्पादों के बारे में सत्यापन करवाया जाता है। ग्राहक से साफ साफ पूछा जाता है कि वह जिन उत्पादों को खरीद रहे है उसके बारे में वह पूरी तरह से जानता है या नहीं। अगर ग्राहक पूरी जानकारी नहीं रखता तो हम उत्पाद को बेचने की प्रक्रिया भी उसी समय स्थगित कर देते हैं। आम ग्राहकों को उनकी भाषा में उत्पादों की जानकारी देने का भी अभियान शुरू किया गया है।
सवाल- आजकल ऑनलाइन बीमा उत्पाद खरीदने का प्रचलन शुरू हुआ है। देश में इसका भविष्य कैसा रहेगा?
जवाब- भारत में भी ऑनलाइन बीमा उत्पादों की बिक्री जोर पकड़ने लगी है। मेरा मानना है कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोग इंटरनेट के जरिये ही बीमा पॉलिसियां खरीदेंगे। हालांकि अभी इसमें समय लगेगा, क्योंकि भारत में ज्यादातर लोग यही समझते हैं कि आमने-सामने मिलकर एजेंट से ही बीमा पॉलिसियां खरीदी जा सकती हैं। अब देखिए लोग कपड़े से लेकर रेल टिकट और घर के सामान तक ऑनलाइन खरीदने लगे हैं। धीरे-धीरे ऑनलाइन पॉलिसियों को लेकर लोगों का भरोसा बढ़ेगा।