Union Budget 2021 : जानें बजट में स्वास्थ्य सुविधाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर समेत 6 स्तंभों को किया गया फोकस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया 2020-2021 का बजट प्रस्ताव 6 स्तंभों पर आधारित है जिसका जिक्र उन्होंने अपने भाषण में किया। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश 137 फीसद बढ़ा है जो हमारे पिछले साल के बजट अनुमानों से 2.47 गुना अधिक है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोरोना महामारी के बीच मुश्किलों और चुनौतियों के बीच पेश किया गया 2020-2021 का बजट प्रस्ताव 6 स्तंभों पर आधारित है, जिसका जिक्र उन्होंने अपने भाषण में किया। बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश 137 फीसद बढ़ा है जो हमारे पिछले साल के बजट अनुमानों से 2.47 गुना अधिक है। उन्होंने इसके अतिरिक्त 2015-16 के बजट में अरुण जेटली ने जो 13 वादे किए थे, उनके तेजी से आगे बढ़ाने पर अमल किया गया है। ये हैं छह वादे -
1. स्वास्थ्य और कल्याण
2. भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर )
3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास
4. मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना । (शिक्षा में निवेश)
5. नववर्तन और अनुंसधान एवं विकास
6. न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
स्वास्थ्य सुविधाओं में विकास पर फोकस
कोरोना महामारी के बाद सरकार का फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर बढ़ गया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने कहा कि आरंभ में ही मैं यह कहना चाहूंगी कि इस बजट में स्वास्थ्य अवसंरचना पर निवेश पर्याप्त रूप से बढ़ा दिया गया है। आगे चलकर संस्थाएं जैसे-जैसे अधिक समायोजि त कर पाएंगी, वैसे-वैसे हम अधिक से अधिक सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य केप्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए, हमने तीन क्षेत्रों को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित किया है –निवारक, उपचारात्मक, सुधारात्मक और कल्याण।
कैसे विकसित होंगी देश में स्वास्थ्य प्रणालियां
वित्त मंत्री ने कहा कि एक नई केंद्रित प्रायोजित योजना पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 6 वर्ष के लिए लांच की जाएगी। यह प्राथमिक, दि्वतीयक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमताओं को विकसित करेगी। मौजूदा राष्ट्रीय संस्थाओं को सुदृढ़ करेगी और नई और सामने आने वाली बीमारियों की पहचान करने और उनका इलाज करने के लिए नई संस्था बनाएंगी। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी।
इस योजना के अंतर्गत मुख्य पहल निम्नलिखित होगी –
1. 17,788 ग्रामीण और 11,024 शहरी स्वास्थ्य और वैलनेस केंद्र को स्थापित किया जाएगा।
2. 11 राज्यों में सभी जिले में एकीकृत लोक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं और 3382 ब्लॉक लोक स्वास्थ्य इकाइयां स्थापित किया जाएगा।
3. 602 जिलों और 12 केद्रीय संस्थान में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लाक स्थापित किया जाएगा।
4. राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), इसके पांच क्षेत्रीय शाखाओं और 20 महानगर स्वास्थ्य निगरानी इकाइयां को सुदृढ़ किया जाएगा।
5. एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का सभी राज्यों /संघ राज्यों में विस्तार ताकिसभी लोक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ा जाएगा।
6. 17 नई लोक स्वास्थ्य इकाइयों को चालू किया जाएगा और 33 मौजूदा लोक स्वास्थ्य इकाइयां को प्रवेश बिंदुओं पर सुदृढ़ किया जाएगा जो 32 विमानपत्तनम, 11 बंदरगाह और 7 लैंड क्रासिंग पर हैं।
7. 15 स्वास्थ्य आपातकालीन आपरेशन को और 2 मोबाइल अस्पताल केंद्र स्थापित किया जाएगा।
8. वन हेल्थ, जो डब्लूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफार्म हैं, के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान, 9 बायो- सेफ्टी लेवल तीन प्रयोगशालाएं और विषाणु विज्ञान के लिए 4 क्षेत्रीय राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की जाएगी।
पोषण
पोषणगत मात्रा, डिलीवरी, आउटरीच तथा परिणाम को सुदृढ़ करने के लिए संपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय कर देंगे और मिशन पोषण 2.0 का शुभारंभ करेंगे। देश के 112 आकांक्षी जिलों में पोषणगत परिणाम में सुधार लाने के लिए एक सुदृढ़कृत कार्यनीति को अपना जाएगा।