बजट की घोषणाओं का बैंकिंग और एनबीएफसी सेक्टर पर होगा यह असर
अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की दूरगामी सोच के साथ इस बजट को तैयार किया गया है। वेल्थ एडवाइजर ‘ASK’ के अनुसार यह बजट बॉन्ड्स और बैंकों की दृष्टि से काफी सकारात्मक बजट है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मोदी सरकार 2.0 का पहला केंद्रीय बजट पेश किया है। यह बजट ऐसे समय में पेश हुआ है जब देश की जीडीपी ग्रोथ धीमी पड़ी है और रोजगार में कमी देखने को मिल रही है। इन मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से बजट 2019-20 बेहद सटीक और उपयुक्त बजट है। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की दूरगामी सोच के साथ इस बजट को तैयार किया गया है। वेल्थ एडवाइजर ‘ASK’ के अनुसार यह बजट बॉन्ड्स और बैंकों की दृष्टि से काफी सकारात्मक बजट है।
बॉन्ड बाजार के लिए पॉजिटिव है यह बजट
इस बजट में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को घटाकर जीडीपी का 3.3 फीसद कर दिया गया है, जो कि अंतरिम बजट में 3.4 फीसद था। राजकोषीय घाटे में इस सकारात्मक बदलाव के कारण अब राजकोषीय घाटे को कम करने का अगला लक्ष्य 3 फीसद हो जाएगा, जो कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए सुखद संकेत है। बजट में वित्त मंत्री ने बताया कि साल 2013-14 के 6.37 लाख करोड़ रुपये से 2018-19 में टैक्स कलेक्शन बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये हुआ। बजट में यह भी बताया गया कि 5 सालों के भीतर भारत की अर्थव्यवस्था 2.7 ट्रिलियन डॉलर की हुई है। इस तरह यह बजट बॉन्ड बाजार के लिए पॉजिटिविटी लेकर आया है।
बजट में कई क्षेत्रों के लिए विशेष घोषणाएं की गई हैं, जिनसे इक्विटी और वित्तीय बाजार को लाभ मिलने की संभावना है।
1. खपत: बजट में खपत को बढ़ाने के लिए कई उपाए किये गये हैं। सब्सिडी में 13 फीसद, कृषि में 80 फीसद, स्वास्थ्य में 15 फीसद, पीएम-किसान योजना में (200 अरब रुपये से 750 अरब रुपये) और तीन करोड़ रिटेल कारोबारियों के लिए पेंशन लाभ का विस्तार किया गया है। इस पेंशन योजना का लाभ उन व्यापारियों और कारोबारियों को मिलेगा जिनका टर्नओवर 1.5 करोड़ रुपये से कम है। सरकार ने खपत बढ़ाने के लिए बजट में ऐसे ही कुछ उपाय किये हैं।
2. एनबीएफसी: वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी के उच्च रेटिंग वाली मिली-जुली परिसंपत्तियों की खरीदारी के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल एक लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा सरकार सार्वजनिक बैंकों को पहली बार 10 फीसदी तक के घाटे के लिए छह महीने के लिए आंशिक क्रेडिट गारंटी एक बार उपलब्ध कराएगी।
3. ऑटो: केंद्र सरकार सस्ते ई-वाहन मुहैया कराएगी। सरकार उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवीएस) के लोन के ब्याज पर 1.5 लाख का अतिरिक्त इनकम टैक्स प्रदान करेगी। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जीएसटी दर को 5 फीसद तक कम किया गया है और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के घटकों के कर्तव्यों में कमी का प्रस्ताव किया गया है। बजट में एक इलेक्ट्रिकर वाहन की खरीद पर 1.5 लाख रुपये की टैक्स में छूट देने की घोषणा की गई है।
4. हाउसिंह: इस बजट में होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। होम लोन के ब्याज पर दो लाख रुपये की छूट पहले से थी, जो अब बढ़कर 3.5 लाख रुपये हो गई है। हालांकि, यह छूट सबके लिए नहीं है। यह छूट 45 लाख रुपये तक के घर के लिए ही है। साथ ही यह एक निश्चित अवधि तक लोन लेने वाले ग्राहकों को ही मिलेगी। इसके अलावा सरकार ने साल 2022 तक सभी को मकान देने की बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि 1.95 करोड़ नए घर बनाए जाएंगे।
5. इंफ्रास्ट्रक्चर: वित्त मंत्री ने इस बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए लालफीताशाही को कम करने की बात कही है। उन्होंने नेशनल हाइवे प्रोग्राम को रीस्ट्रक्चर करने की घोषणा की और रेलवे ट्रैक के लिए PPP मॉडल को मंजूरी देने का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने गंगा पर 4 गुना कार्गो बढ़ाने और रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए साल 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की बात की है।