Budget 2020: बजट से पहले अर्थशास्त्रियों से मिले प्रधानमंत्री और अमित शाह, इन अहम मुद्दों पर हुई बात

बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कैबिनेट के अन्य मंत्री शामिल रहे। इसके अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 09 Jan 2020 01:31 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 01:49 PM (IST)
Budget 2020: बजट से पहले अर्थशास्त्रियों से मिले प्रधानमंत्री और अमित शाह, इन अहम मुद्दों पर हुई बात
Budget 2020: बजट से पहले अर्थशास्त्रियों से मिले प्रधानमंत्री और अमित शाह, इन अहम मुद्दों पर हुई बात

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। 1 फरवरी 2020 को बजट पेश होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य के अलावा अर्थशास्त्र के एक्सपर्ट भी शामिल रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को गति देना है। दरअसल, ऐसा अनुमान है कि जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसद रह सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष जून में भी देश के 40 जाने-माने अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की थी। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा कैबिनेट के अन्य मंत्री शामिल रहे। इसके अलावा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, सीईओ अमिताभ कांत और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।  

Delhi: Prime Minister Narendra Modi meets top economists of the country, at Niti Aayog, ahead of the Union Budget. Home Minister Amit Shah, Union Ministers Piyush Goyal and Nitin Gadkari also present pic.twitter.com/fFqqTRqmtQ — ANI (@ANI) January 9, 2020

गुरुवार को पीएम मोदी संग हुई उच्च स्तरीय बैठक में इकॉनोमिक एडवाइजर काउंसिल के उपाध्यक्ष विवेक देबरॉय ने भी हिस्सा लिया। बता दें कि 2020, 21 का बजट 1 फरवरी को पेश होगा। इस बार के बजट से काफी उम्मीदें हैं। मसलन, अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के साथ नौकरी के अवसर पैदा करना जरूरी है।

उल्लेखनीय है कि घटती जीडीपी ग्रोथ रेट, बढ़ती बेरोजगारी, ऊपर जा रही महंगाई, खराब इन्वेस्टमेंट सेंटिमेंट और गिरते कंज्यूमर कॉन्फिडेंस को देखते हुए सरकार के लिए 2020 का बजट बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। एक्सपर्ट्स की मानें तो सरकार के पास इकोनॉमी को पटरी पर लाने का यह बजट आखिरी मौका जैसा है।

1 फरवरी को पेश होने वाला बजट का सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा। यह बजट सत्र ऐसे समय में आ रहा है जब आर्थिक सुस्ती का दौर चल रहा है और नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के विरोध में प्रदर्शन किये जा रहे हैं। 

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