Budget 2021: जानिए कितने तरह के खर्च करती है सरकार, बजट को समझने के लिए यह जानना जरूरी

Budget 2021 अगर बजट को एक तराजू मानें तो इसका एक पलड़ा होता है सार्वजनिक आय तो दूसरा पलड़ा होता है सार्वजनिक व्यय। जहां एक तरफ सरकार कमाती है तो दूसरी तरफ खर्च करती है। सार्वजनिक व्यय भी दो प्रकार का होता है। पहला राजस्व व्यय और दूसरा पूंजीगत व्यय।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 06:41 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:54 AM (IST)
Budget 2021: जानिए कितने तरह के खर्च करती है सरकार, बजट को समझने के लिए यह जानना जरूरी
बजट के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Flickr

नई दिल्‍ली बिजनेस डेस्‍क। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना वायरस महामारी के बीच एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। बजट के निर्माण और इसके पेश होते समय काफी सारे कठिन शब्द सामने आते हैं। बजट में व्यय से संबंधित भी कई सारे शब्द हैं। आइए आज हम आपको इन शब्दों का आसान भाषा में अर्थ बताते हैं।

सार्वजनिक व्यय

अगर बजट को एक तराजू मानें तो इसका एक पलड़ा होता है सार्वजनिक आय तो दूसरा पलड़ा होता है सार्वजनिक व्यय। जहां एक तरफ सरकार कमाती है तो दूसरी तरफ खर्च करती है। सार्वजनिक व्यय भी दो प्रकार का होता है। पहला राजस्व व्यय और दूसरा पूंजीगत व्यय।

राजस्व व्यय

राजस्व व्यय वह खर्च है, जिसमें न तो देश में उत्पादकता बढ़ती है और न ही उससे कभी सरकार को कमाई होती है। यह खर्च गैर-विकासात्मक होता है। राजस्व व्यय में सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी, ब्याज अदायगी, सरकारी डिपार्टमेंट्स और सरकारी स्कीम्स पर होने वाला खर्च व राज्य सरकारों को दिया जाने वाला अनुदान शामिल है।

पूंजीगत व्यय

राजस्व व्यय से इतर पूंजीगत व्यय से सरकार की परिसम्पत्तियों में बढ़ोतरी होती है। इन खर्चों से सरकार को भविष्य में लाभ भी प्राप्त हो सकता है। पूंजीगत व्यय में उद्योग धंधों की स्थापना, बंदरगाह, हवाई हड्डे, अस्पताल, पुल, सड़क आदि के निर्माण से जुड़े खर्चे आते हैं।

योजनागत व्यय

सार्वजनिक व्यय का वह प्रकार जिसमें योजनागत तरीके से खर्च किया जाता है, योजनागत व्यय कहलाता है। ऐसे व्यय में उत्पादन परिसंप्त्तियों (Production Assets) का निर्माण होता है। सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आर्थिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह व्यय किया जाता है।

गैर-योजनागत व्यय

योजनागत व्यय से इतर इसमें योजनागत तरीके से खर्च नहीं किया जाता। इसमें वेतन, पेंशन, रक्षा आदि पर होने वाला खर्च शामिल होता है। सार्वजनिक व्यय के अंतर्गत ही राज्यों को आपात स्थितियों जैसे- बाढ़, सुनामी, भूकंप, सूखा आदि से निपटने के लिए धन दिया जाता है। राज्यों एवं केंद्र शासित राज्यों को दिये जाने वाले अनुदान भी योजनागत व्यय में ही आते हैं। इस प्रकार के व्यय के लिए भारतीय समेकित कोष से भी धन दिया जाता है।

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