युवाओं को रोजगार के मौके देगा रेल बजट

आम चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस से नाराज युवा मतदाताओं को पार्टी की ओर आकर्षित करने के लिए संप्रग सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के मौके तलाशने में जुट गई है। इस सिलसिले में आम बजट के साथ ही रेल बजट में भी विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है।

By Edited By: Publish:Sat, 16 Feb 2013 10:25 AM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
युवाओं को रोजगार के मौके देगा रेल बजट

नई दिल्ली,। आम चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस से नाराज युवा मतदाताओं को पार्टी की ओर आकर्षित करने के लिए संप्रग सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के मौके तलाशने में जुट गई है। इस सिलसिले में आम बजट के साथ ही रेल बजट में भी विशेष प्रावधान किए जाने की संभावना है। खासकर अनारक्षित टिकटों की बिक्री और ट्रेनों-स्टेशनों की साफ-सफाई में युवाओं को रोजगार देने की तैयारी की जा रही है।

रेलवे में युवाओं को रोजगार की संभावनाओं पर विचार करने के लिए रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने हाल में एक समीक्षा बैठक की थी। बैठक में बसंल ने पाया कि युवाओं को स्वरोजगार देने की जनसाधारण टिकट बुकिंग सेवक (जेटीबीएस) स्कीम एक अव्यवहारिक शर्त के कारण कारगर नहीं है। दरअसल, जेटीबीएस के लिए आवेदन करते वक्त अभ्यर्थी को स्थानीय पुलिस का प्रमाणपत्र देना जरूरी होता है कि उसके खिलाफ कोई केस नहीं है। पुलिस के लिए हफ्ते-दस दिन में ऐसा प्रमाणपत्र देना संभव नहीं होता। लिहाजा रेल मंत्री के निर्देश पर अब इस शर्त में ढील देने का निर्णय हुआ है। संशोधित शर्त के तहत अब अभ्यर्थियों को आवेदन के वक्त नहीं बल्कि नियुक्ति के वक्त पुलिस प्रमाणपत्र देने को कहा जाएगा। जेटीबीएस के आवेदन और नियुक्ति के बीच कम से कम छह महीने का समय होता है।

इस अवधि में पुलिस के लिए यह पता लगाना संभव होगा कि अभ्यर्थी के खिलाफ देश भर में कहीं कोई केस नहीं है। जेटीबीएस स्कीम को लोकप्रिय बनाने के लिए पहले भी कई बार संशोधन किए जा चुके हैं। मसलन, बैंक गारंटी को 40 हजार से घटाकर 20 हजार रुपये और सिक्योरिटी डिपॉजिट को 15 हजार से घटाकर 5000 रुपये किया जा चुका है। स्कीम की घोषणा जून 2006 में रेलमंत्री लालू प्रसाद ने की थी। शुरू में जेटीबीएस को अनरिजर्व टिकटिंग सिस्टम (यूटीएस) के जरिए केवल अनारक्षित टिकटों की बिक्री के लिए अधिकृत किया गया था। बाद में इन्हें मासिक सीजन टिकट और प्लेटफॉर्म टिकट बेचने का अधिकार भी दे दिया गया। जेटीबीएस को प्रत्येक टिकट की बिक्री पर एक रुपये का कमीशन मिलता है। स्कीम में अनुसूचित जाति को 12, अनुसूचित जनजाति को आठ, अन्य पिछड़ा वर्ग को 20 और अल्पसंख्यकों को 9.5 फीसद आरक्षण भी है। सरकार ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए सांसदों, विधायकों के अलावा स्थानीय निकायों व निगमों की मदद लेने का फैसला भी किया है। ताजा संशोधन के बाद जेटीबीएस आवेदकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है। संप्रग सरकार, खासकर कांग्रेस देश में युवाओं के गुस्से को लेकर चिंतित है। इसलिए इस वर्ग को संतुष्ट करने के लिए हर मंत्रालय से रोजगार के अवसर बढ़ाने को कहा गया है।

वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और रेलमंत्री पवन कुमार बंसल को खास तौर पर कहा गया है कि वे अपने-अपने बजट में युवाओं को रोजगार देने की स्कीम लेकर आएं। सूत्रों के मुताबिक बंसल ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से रेलवे में स्वच्छता बढ़ाने की किसी रोजगार मूलक स्कीम का एलान रेल बजट में कर सकते हैं।

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