RBI Digital Currency: 1 साल का हुआ E-Rupee, 2023 में कुछ ऐसा रहा डिजिटल करेंसी का सफर

देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ाने के लिए सरकार के साथ भारतीय रिजर्व बैंक भी कई तरह के कदम उठा रहे हैं। ऐसे में RBI ने पिछले साल E-Rupee जारी किया था। यह एक तरह की Digital Currency है। इसका इस्तेमाल करके आसानी से पेमेंट किया जा सकता है। दरअसल कैशलेस इंडिया को साक्षर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। E-Rupee के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Publish:Thu, 21 Dec 2023 09:25 AM (IST) Updated:Thu, 21 Dec 2023 09:25 AM (IST)
RBI Digital Currency: 1 साल का हुआ E-Rupee, 2023 में कुछ ऐसा रहा डिजिटल करेंसी का सफर
1 साल का हुआ E-Rupee (जागरण फाइल फोटो)

HighLights

  • कैशलेस इंडिया बनाने के लिए ई-रुपया का योगदान है।
  • दिसंबर 2022 में ई-रुपया का इस्तेमाल शुरू हो गया था।
  • यह सॉवरेन बैंक करेंसी है।

 बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। Digital Currency: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल करके डिजिटल रुपये जारी किये थे। देश में 2022 में ई-रुपी (E-Rupee) लॉन्च की गई थी। इस साल ई-रुपी को पूरे एक साल हो गए हैं। ई-रुपी का इस्तेमाल रिटेल और होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए किया जा सकता है।

कई लोगों के मन में ई-रुपी को लेकर कई सवाल है। आज हम इस आर्टिकल के जरिये आपको ई-रुपी के बारे में विस्तार से बताएंगे।

E-Rupee की परफॉर्मेंस

आरबीआई ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि ई-रुपी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। देश के कई बैंक ई-रुपी को बढ़ावा देने के लिए रिवॉर्ड-प्वाइंट  और कई ऑफर दिया है। आरबीआई ने यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिये सीबीडीसी (CBDC) ट्रांजेक्शन को रोजाना 10 लाख रुपये कर दिया है। इसका मतलब है कि अब आसानी से कोई भी व्यक्ति 10 लाख रुपये का हर दिन लेनदेन कर सकता है।

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आपको बता दें कि आरबीआई द्वारा ई-रुपी को लेकर पायलट प्रोग्राम में बैंकों की संख्या में तेजी देखने को मिली है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस साल जून 2023 तक लगभग 13 लाख यूजर्स ने सीबीडीसी वॉलेट (CBDC Wallet) डाउनलोड किया है। इनमें से 3 लाख विक्रेता ने ई-रुपी को स्वीकार किया है।

ई-रुपी क्या है?

ई-रुपी एक तरह की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) है। यह सॉवरेन बैंक करेंसी है। जिस प्रकार आपके पर्स में नोट होते हैं, ठीक वैसे ही बैंकों की सॉवरेन करेंसी है। यह आरबीआई (RBI) के बैलेंस शीट में लायबिलिटी के तौर पर दिखाई जाती है। हम जिस तरह कैश का इस्तेमाल करके पेमेंट करते हैं, वैसे ही हम ऑनलाइन पेमेंट के लिए ई-रुपी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

आप चाहें तो अपनी सैलरी को भी ई-रुपी में ले सकते हैं। आप जिस तरह अपने पर्स में कैश रखते हैं ठीक उसी तरह आप अपने ई-वॉलेट में ई-रुपी भी रख सकते हैं।

कितने तरह के होते हैं ई-रुपी

देश के केंद्रीय बैंक द्वारा E-Rupee जारी होती है। ई-रुपी भले ही फिजिकल करेंसी जैसे नहीं होती है, लेकिन आरबीआई (RBI) ने ई-करेंसी को बताने के लिए उसके चित्र जारी किये हैं।

आपको ई-रुपी में 50 पैसे, 1 रुपये का सिक्का के साथ 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, और 500 रुपये के नोट भी मिल जाएंगे। जिस तरह फिजिकल नोट में आरबीआई का लोगो (Logo) और गवर्नर का साइन होता है, वैसे ही ई-रुपी में भी होता है। 2,000 रुपये के नोट को भी ई-रुपी से बाहर कर दिया गया है। आपको बता दें कि फिजिकल रुपये को नोट कहा जाता है तो वही्ं पर ई-रुपी को टोकन  कहा जाता है।

कैसे करते हैं ई-रुपी का इस्तेमाल

अगर आप भी ई-रुपी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको अपने फोन में डिजिटल रुपी ऐप को डाउनलोड करना होगा। आप प्ले स्टोर (Play Store) या ऐप स्टोर (App Store) पर ‘डिजिटल रुपी’ऐप (Digital Rupee App) को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। डिजिटल रुपी ऐप पर आपको कई सारे बैंक के ई-रुपी मिल जाएंगे।  

आपको बता दें कि आप जब ऐप में लॉग-इन करते हैं और  एरर (Error) आ जाता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। दरअसल, देश में अभी सब व्यक्ति के लिए ई-रुपी उपलब्ध नहीं है। वहीं, अगर आप सफलता से ऐप में रजिस्ट्रेशन कर देते हैं तो आप फिर ई-रुपी का इस्तेमाल कर  सकते हैं।

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ई-रुपी के फायदे

ई-रुपी से लेनदेन करने की प्रक्रिया काफी आसान है। ई-रुपी ट्रांजेक्शन के लिए बैंक अकाउंट की कोई जरूरत नहीं होती है। इसके अलावा यह सरकार द्वारा कैश मैनेजमेंट और प्रिंटिंग के खर्चों को बचाने में भी मदद करती है। वहीं यह वित्तीय सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देती है। यह मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) जैसे कई अपराधों पर भी अंकुश लगाने में भी मदद करेगा।

 

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