7वें वेतन आयोग के एरियर का भुगतान नहीं बिगाड़ेगा सरकार का बजट

सातवें वेतन आयोग के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को बीते माह किए गए 56,000 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान के बाद भी सरकार का बजट नहीं बिगड़ेगा।

By MMI TeamEdited By: Publish:Wed, 07 Sep 2016 05:29 PM (IST) Updated:Wed, 07 Sep 2016 05:44 PM (IST)
7वें वेतन आयोग के एरियर का भुगतान नहीं बिगाड़ेगा सरकार का बजट

नई दिल्ली: सातवें वेतन आयोग के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को बीते माह किए गए 56,000 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान (एरियर) के बाद भी सरकार का बजट नहीं बिगड़ेगा। मानसून की वजह से योजना व्यय के कम होने के बाद चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अगस्त की अवधि के दौरान राजकोषीय घाटे के आंकड़ों में कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यह जानकारी वित्त सचिव अशोक लवासा ने दी है। गौरतलब है कि सरकार ने इस साल जुलाई में घोषणा की थी कि वो 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अपने कर्मचारियों को एरियर का भुगतान कर दिया जाएगा। सरकार का कहना था कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी अगस्त महीने से मिलने लगेगी।

लवासा ने बताया कि सरकार पर 14 महीनों में 84,000 करोड़ की देनदारी है। उन्होंने बताया कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को मुताबिक एरियर समेत कुल भुगतान 7 हजार करोड़ प्रतिमाह का है। 7वें वेतन आयोग के मुताबिक 7 हजार करोड़ रुपए के प्रतिमाह भुगतान में से 56 हजार करोड़ रुपए जनवरी से अगस्त की अवधि के बीच का है। आपको बता दें कि वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सरकार ने 1 करोड़ सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 2.57 गुना इजाफा किए जाने की अधिसूचना जारी की थी। यह वेतन बढ़ोतरी 1 जनवरी 2016 से लागू है।

लवासा से जब यह पूछा गया कि कर्मचारियों की बकाया राशि की भारी-भरकम मात्रा एक बार में दिए जाने से क्या सरकार के राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर असर पड़ेगा, जो कि अप्रैल-जुलाई के अनुमानित बजट के 73 फीसदी तक पहुंच गया है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह योजना खर्च पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि एरियर के भुगतान के कारण खर्च में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन आपको यह भी देखना होगा कि हमारी आय कितनी है। आप तभी इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह अन्य खर्चों पर भी निर्भर करेगा। लवासा ने बताया कि जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीने में बारिश के कारण खर्च में कुछ कमी आई है।

राजकोषीय घाटा, जो कि पूरे वित्त वर्ष के लिए व्यय और राजस्व के बीच का अंतर होता है, जुलाई तक के लिए प्रस्तावित बजट के 73 फीसदी तक पहुंच गया है। साल 2016-17 के वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य 5.33 लाख करोड़ रुपए है जो कि जीडीपी का 3.5 फीसदी होगा। उन्होंने बताया कि पूरी राजकोषीय स्थिति पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले सुधार दिखा रही है। अगर आप राजस्व प्राप्तियों पर नजर डालें तो वो अच्छी खासी बढ़त दर्शा रही हैं। इसलिए पिछले साल की तुलना में सकल राजस्व प्राप्तियां 2.15 लाख करोड़ से बढ़कर 2.63 लाख करोड़ हो गई हैं जो कि कुल 48 हजार करोड़ का इजाफा है। कर राजस्व पहले से ही अनुमानित बजट के 21 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया है, जो कि पिछले साल 16.7 फीसदी था। गैर कर राजस्व के मामले में निश्चित तौर पर कमी को उन्होंने स्वीकार किया। साथ ही उन्होंने यह कहा कि कुल मिलाकर स्थिति पिछले साल के मुकाबले बेहतर है।

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