कोरोना काल में 60 फीसद अधिक खुले नए जनधन खाते, देखने को मिला सामाजिक असर
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल एक अप्रैल के बाद 3 करोड़ नए जनधन खाते खोले गए और इन खातों में 11060 करोड़ रुपए जमा किए गए। गत 14 अक्टूबर तक देश में कुल 41.05 करोड़ जनधन खाते थे जिनमें 130741 करोड़ रुपए जमा थे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाइ) के तहत बैंक खाते खुलवाने से इंश्योरेंस सुरक्षा, ओवर ड्राफ्टिंग जैसी सुविधाएं तो मिलती ही हैं, लेकिन कोरोना काल में जनधन खाते के सामाजिक असर भी देखने को मिला है। जनधन खाते की बदौलत कोरोना काल में अपराध को रोकने में कामयाबी मिली है। अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक आपराधिक गतिविधियों वाले राज्यों में जनधन खाते का अधिक इस्तेमाल किया गया। एसबीआइ की इकोरैप ने अपने अध्ययन के बाद यह चौंकाने वाला खुलासा किया है। कोरोना काल में नए जनधन खाते खुलवाने की दर में 60 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस वजह से सामाजिक संतुलन साधने में सफलता मिली जिससे चोरी जैसी वारदातों में कमी आई।
एसबीआई इकोरैप ने जनधन खाते के आंकड़ों को राज्यों में होने वाले अपराध के आंकड़ों के साथ जोड़कर अध्ययन किया। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं हरियाणा जैसे राज्यों में जनधन खाते में बढ़ोतरी की वजह से चोरी व अन्य अपराध में कमी आई। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु व केरल जैसे राज्यों को भी जनधन खाते का लाभ मिला।
एसबीआई के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार एस.के. घोष के मुताबिक जनधन खाते में दी गई राशि का सकारात्मक असर देखते हुए सरकार को अभी और राशि जनधन खाते में देना चाहिए। यह राशि नरेगा स्कीम को विस्तार देते हुए शहरी गरीब के खाते में दी जा सकती है।
एक अप्रैल के बाद 3 करोड़ नए खाते
रिपोर्ट के मुताबिक इस साल एक अप्रैल के बाद 3 करोड़ नए जनधन खाते खोले गए और इन खातों में 11,060 करोड़ रुपए जमा किए गए। गत 14 अक्टूबर तक देश में कुल 41.05 करोड़ जनधन खाते थे जिनमें 1,30,741 करोड़ रुपए जमा थे। पिछले साल अप्रैल से लेकर 14 अक्टूबर तक सिर्फ 1.9 करोड़ नए जनधन खाते खोले गए थे और उनमें 7857 करोड़ रुपए जमा किए गए। इस प्रकार अप्रैल से लेकर अब तक नए जनधन खाते खुलवाने की दर में 60 फीसद की बढ़ोतरी रही। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने महिलाओं के जनधन खाते में प्रतिमाह 500 रुपए देने का एलान किया था। इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल में जनधन खाते की औसत जमा राशि 3400 रुपए थी जो सितंबर में घटकर 3168 रुपए हो गई और अक्टूबर में मामूली बढ़त के साथ यह राशि 3185 रुपए के स्तर पर आ गई।
अप्रैल-अगस्त में 25 लाख कर्मचारी पीएफ से जुड़े
इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल-अगस्त के बीच भविष्य निधि (पीएफ) फंड से 25 लाख कर्मचारी जुड़े। इनमें से 12.4 लाख कर्मचारी पहली बार पीएफ की सदस्यता ली है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि श्रमिक अपने काम पर तेजी से वापस लौट रहे हैं और दिवाली तक यह स्थिति सामान्य होने की संभावना है।