आरबीआई की सालाना रिपोर्ट से जुड़ी ये हैं 10 बड़ी बातें

रिपोर्ट में कहा है कि 2016-17 के वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की दर 7.6 प्रतिशत रह सकती है।

By MMI TeamEdited By: Publish:Tue, 30 Aug 2016 10:04 AM (IST) Updated:Wed, 31 Aug 2016 09:26 AM (IST)
आरबीआई की सालाना रिपोर्ट से जुड़ी ये हैं 10 बड़ी बातें

नई दिल्ली। सोमवार को भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ, सरकारी की नीतियों और पहल, महंगाई और ब्याज दरों को लेकर तमाम बातें कहीं गई हैं, जिनका सरोकार आम आदमी से लेकर लेकर सरकार तक सबसे है।

आरबीई सालाना रिपोर्ट की हैं ये 10 बड़ी बातें...
• रिपोर्ट में कहा है कि 2016-17 के वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की दर 7.6 प्रतिशत रह सकती है। बीते वित्त वर्ष में यह दर 7.2 प्रतिशत रही थी।
• मुद्रास्फीति की दर भी इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही तक 5 प्रतिशत के लक्ष्य तक लाई जा सकती है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि नीतिगत दरों में बदलाव की वजह से अप्रैल 2014 से दिसंबर 2015 तक महंगाई में एक चौथाई तक गिरावट आई है। उन्होंअने कहा कि रेपो रेट में 150 आधार अंक की कटौती के बाद बैंकों ने मेडियन बेस रेट में 60 आधार अंकों तक की कटौती की है।
• अच्छे मॉनसून, पे कमीशन के भुगतान से अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ेगी।
• 2016-17 में ग्रॉस वैल्यु एडेड (जीवीए) की ग्रोथ 7.2 फीसदी से बढ़कर 7.6 फीसदी होने का अनुमान है।
• रिपोर्ट के मुताबिक डूबे कर्ज (एनपीए) की चिंता बरकरार है। इससे निपटने के लिए मध्यम अवधि में सरकारी बैंकों को मजबूत करना जरुरी है। बैंकों का जोर मैनेजमेंट सुधारने, लागत घटाने पर होना चाहिए। एनपीए हो चुके प्रोजेक्ट में मैनेजमेंट बदलने की कोशिश होनी चाहिए। नए मैनेजमेंट को लक्ष्य हासिल होने पर बोनस और ई-सॉप्स देने चाहिए।
• राजन के मुताबिक विकास दर में तेज़ी आ रही है, लेकिन ये अभी भी क्षमता से कम है।
• राजन ने यह भी कहा कि नीतिगत दरों में तब ही कटौती की जा सकती है जब अनुमानित मुद्रास्फीति में गिरावट आएगी।
• राजन ने नीतियों को लागू करने के मोर्चे पर सरकार की सराहना की। उन्होने कहा कि नए निर्माण के लिहाज से सड़कों की स्थिति में बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है। खास कर नेशनल हाईवे के नेटवर्क में। एक साल में बंदरगाहों ने क्षमता का उपयोग करने के लिहाज से रिकॉर्ड बनाया है। इस अवधि में सोलर और विंड एनर्जी सेगमेंट में सबसे अधिक क्षमता बढ़ी है। मेक इन इंडिया जैसी पहल की वजह से बिजनेस सेंटीमेंट में सुधार आया है।
• राजन ने उम्मीद जताई कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले नागरिकों की आय में वृद्धि जारी रहेगी।
• राजन ने कहा कि आरबीआई, सरकार और बैंकों के साथ मिल कर कर्ज के बोझ से दबे प्रोजेक्टन के समाधान और बैंकों की बैलेंस शीट को साफ करने का काम कर रहा है। इससे बैंकों के पास प्रोविजनिंग के लिए पूंजी होगी और इससे वे नए कर्ज दे पाएंगे और रेट कट की सूरत में इसका फायदा ग्राहकों को दे पाएंगे।

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