प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया एन. श्रीनिवासन का बयान

ललितगेट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच तेज कर दी है। ईडी ने मुंबई में बीसीसीआई के पूर्व प्रेजिडेंट एन. श्रीनिवासन ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की। ईडी ने श्रीनिवासन के बयान को रिकॉर्ड भी किया। सूत्रों के मुताबिक, श्रीनिवासन से 2008 के वर्ल्ड कप के दौरान

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2015 12:29 PM (IST) Updated:Fri, 03 Jul 2015 12:40 PM (IST)
प्रवर्तन निदेशालय ने दर्ज किया एन. श्रीनिवासन का बयान

नई दिल्ली। ललितगेट मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच तेज कर दी है। ईडी ने मुंबई में बीसीसीआई के पूर्व प्रेजिडेंट एन. श्रीनिवासन ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ की। ईडी ने श्रीनिवासन के बयान को रिकॉर्ड भी किया।

सूत्रों के मुताबिक, श्रीनिवासन से 2008 के वर्ल्ड कप के दौरान वर्ल्ड स्पोर्ट्स और मल्टी स्क्रीन मीडिया के बीच टेलिविजन डील के मामले में पूछताछ की गई। यह डील 425 करोड़ रुपये की थी। आरोप है कि इस डील में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ब्लैक मनी भारत लाई गई। इसमें सीधे तौर पर फेमा के नियमों का उल्लंघन किया। इसमें 425 करोड़ रुपये का पेमेंट मॉरिशस रूट के जरिए कायदे-नियमों को ताक पर रखते हुए किया गया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी ने कहा, ‘श्रीनिवासन आज हमारे सामने पेश हुए और हमने करीब तीन घंटे तक उनका बयान रिकॉर्ड किया।’ मामला आईपीएल के 425 करोड़ रूपये के टीवी प्रसारण अधिकार के लिए 2008 में वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) और मल्टीस्क्रीन मीडिया (एमएसएम) के बीच हुए सौदे से जुड़ा है।

बीसीसीआई ने 2010 में आईपीसी के कई प्रावधानों के तहत चेन्नई में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी वहीं दो साल बाद ईडी ने मामले में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया।

अधिकारी ने कहा, ‘हमने श्रीनिवासन का बयान दर्ज किया क्योंकि उन्होंने बीसीसीआई की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।’ बीसीसीआई ने साल 2008 में डब्ल्यूएसजी को 91.8 करोड़ डॉलर में 10 साल के लिए मीडिया अधिकार दिये थे। उसी साल डब्ल्यूएसजी ने सोनी को आधिकारिक प्रसारणकर्ता बनाने के लिए एमएसएम से करार किया।

बिजनेस सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

chat bot
आपका साथी