सुखद अहसास से भरा होगा 'अनुभूति' का सफर

नई दिल्ली [जाब्यू]। रेल बजट में जिन अनुभूति लक्जरी बोगियों का एलान किया गया है वे आम जनता को चिढ़ा सकती हैं। इसीलिए इन्हें शुरू में राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में लगाने का प्रस्ताव है। हर ट्रेन में एक अनुभूति कोच लगेगा और इसमें बुकिंग के लिए फ‌र्स्ट एसी से भी डेढ़ गुना तक किराया देना पड़ सकता है। उच्च

By Edited By: Publish:Wed, 27 Feb 2013 08:30 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
सुखद अहसास से भरा होगा 'अनुभूति' का सफर

नई दिल्ली [जाब्यू]। रेल बजट में जिन अनुभूति लक्जरी बोगियों का एलान किया गया है वे आम जनता को चिढ़ा सकती हैं। इसीलिए इन्हें शुरू में राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में लगाने का प्रस्ताव है। हर ट्रेन में एक अनुभूति कोच लगेगा और इसमें बुकिंग के लिए फ‌र्स्ट एसी से भी डेढ़ गुना तक किराया देना पड़ सकता है।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अनुभूति बोगियां उन यात्रियों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई हैं जिन्हें रेल यात्रा में सुख-सुविधा के साथ सुकून भी चाहिए और जो इसके लिए कोई भी कीमत देने को तैयार हैं। राजधानी, शताब्दी और दूरंतो में चलने वाले पांच-सात फीसद लोग इस श्रेणी में आते हैं और उनकी मांग पर ही अनुभूति की शुरुआत की जा रही है। यदि इन्हें लोकप्रियता मिली तो बाद में सामान्य मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में भी ऐसी एक-एक बोगी लगाई जा सकती है। इनका परिचालन इसी साल प्रारंभ हो जाएगा। पूरी संभावना है कि दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी या दिल्ली-कालका शताब्दी से इनका आगाज हो।

राजधानी-शताब्दी की एक बोगी के निर्माण पर दो करोड़ रुपये की लागत आती है। जबकि, अनुभूति कोच पर 2.30 करोड़ का खर्च आएगा। इसमें बटन से खुलने-बंद होने वाले दरवाजों के अलावा आरामदेह सीटें, एलसीडी टीवी स्क्रीन, एडजस्टेबल लाइट्स होंगी। ज्यादा लेग स्पेस भी मिलेगा। शताब्दी के कोच में 56 सीटें होती हैं, जबकि अनुभूति में 50 सीटें ही होंगी। अनुभूति की शायिकाओं को भी आरामदेह बनाने के लिए संख्या कम की जाएगी। अनुभूति में डिस्चार्ज फ्री आधुनिकतम बायो टॉयलेट लगाने का प्रस्ताव है। साउंडप्रूफ व फायरप्रूफ मैटीरियल का इस्तेमाल कर इन्हें शोर रहित व सुरक्षित बनाया जाएगा। इन बोगियों का निर्माण कपूरथला के अलावा रायबरेली कोच फैक्ट्री में होगा। फिलहाल आठ-दस बोगियों का निर्माण हो रहा है।

कंफर्म रिजर्वेशन देने का प्रयास :

रेल मंत्री पवन बंसल का इरादा लोगों की आरक्षण संबंधी समस्याओं को बिल्कुल खत्म करने का है। वह चाहते हैं कि लोगों को हर समय कंफर्म रिजर्वेशन मिले। उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए काम करने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक टिकट खिड़की से होने वाली बुकिंग को धीरे-धीरे खत्म करने, इंटरनेट बुकिंग को कम करने और मोबाइल फोन बुकिंग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव है। इससे आम और खास दोनों तरह के यात्रियों को कभी भी कहीं भी आरक्षण की सुविधा मिलेगी। दलालों पर भी अंकुश लगेगा।

डेढ़ लाख नियुक्तियां इसी साल :

रेल बजट में 1.52 लाख रेलकर्मियों की नियुक्ति का एलान किया गया है। सूत्रों के अनुसार ये नियुक्तियां वर्ष 2013-14 के दौरान ही करने की तैयारी कर ली गई है।

प्रभावी भाड़ा वृद्धि पांच फीसद से कम :

रेल बजट में मालभाड़े संबंधी तालिकाओं में 5.80 फीसद तक की वृद्धि दर्शाई गई है। इस संबंध में रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि तालिकाओं में गलती से टर्मिनल शुल्क को शामिल करते हुए भाड़े दर्शा दिए गए हैं। जबकि, रेल बजट में टर्मिनल शुल्क खत्म करने का एलान किया गया है। इस तरह यदि टर्मिनल शुल्क को हटा दिया जाए तो भाड़ों में वृद्धि पांच फीसद से कम रह जाती है। इसी तरह यात्री टिकटों के मामले में जहां रिजर्वेशन शुल्क बढ़ाया गया है वहीं एनहांस्ड रिजर्वेशन चार्ज खत्म भी किया गया है।

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