भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ने MSME को वित्तीय मदद देने के लिए पेश किए दो लोन उत्पाद

सिडबी ने एमएसएमई सेक्टर को तेजी से कर्ज देने के लिए जिन दो उत्पादों की घोषणा की है उनमें पहला एसएडब्ल्यूएएस या श्वास (कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ युद्ध में हेल्थकेयर सेक्टर को सिडबी की सहायता) है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Sat, 01 May 2021 09:37 AM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 08:16 AM (IST)
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक ने MSME को वित्तीय मदद देने के लिए पेश किए दो लोन उत्पाद
सूक्ष्म, छोटे तथा मझोले उद्योग (M S M E)

नई दिल्ली, पीटीआइ। सिडबी ने सूक्ष्म, छोटे तथा मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को वित्तीय मदद देने के लिए कम ब्याज दरों वाले दो उत्पाद पेश किए हैं। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने एक बयान में कहा कि इससे ये उद्योग कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर और अन्य सामानों का निर्माण करेंगे और उनकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

SIDBI launches quick delivery schemes for COVID preparedness: SHWAS (SIDBI assistance to Healthcare sector in War Against Second wave of COVID19) and AROG (SIDBI Assistance to MSMEs for Recovery & Organic Growth during COVID19 pandemic)

(1/4)@sidbiofficial #Unite2FightCorona pic.twitter.com/zQ0t5di9Sz

— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 30, 2021

सिडबी ने एमएसएमई सेक्टर को तेजी से कर्ज देने के लिए जिन दो उत्पादों की घोषणा की है, उनमें पहला एसएडब्ल्यूएएस या श्वास (कोरोना महामारी की दूसरी लहर के खिलाफ युद्ध में हेल्थकेयर सेक्टर को सिडबी की सहायता) है।

To step up production & rendering services related to supply of oxygen cylinders, oxygen concentrators, oximeters and essential drugs, SIDBI under guidance from Govt of India is launching two schemes SHWAS and AROG to fund MSMEs. (2/4)— Ministry of Finance (@FinMinIndia) April 30, 2021

बैंक ने दूसरा उत्पाद एआरओजी यानी आरोग (एमएसएमई को भरपाई और सामान्य वृद्धि के लिए सिडबी की सहायता) नाम से लांच किया है। ये योजनाएं सरकार के मार्गदर्शन में तैयार की गई हैं। इनका मकसद ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति से संबंधित उत्पादन और सेवाओं को वित्तीय मदद मुहैया कराना है।

इन योजनाओं में सभी दस्तावेजों या सूचनाओं के मिलने के 48 घंटों के भीतर 4.5 फीसद सालाना की निचली दर पर दो करोड़ रुपये तक की राशि एमएसएमई कंपनियों को दी जा सकती है।

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