विलय के बाद देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक SBI में कम होंगी नई भर्तियां

इस वित्त वर्ष एसबीआई ने नई भर्तियां कम करने की योजना बनाई है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sat, 20 May 2017 04:47 PM (IST) Updated:Sat, 20 May 2017 04:47 PM (IST)
विलय के बाद देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक SBI में कम होंगी नई भर्तियां
विलय के बाद देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक SBI में कम होंगी नई भर्तियां

नई दिल्ली (जेएनएन)। पांच सहयोगी बैंकों के विलय के बाद देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने नई भर्तियों की संख्या कम करने का फैसला लिया है। एसबीआई ने यह फैसला दरअसल इसलिए किया है क्योंकि फिलहाल उस पर सहयोगी बैंकों से आए कर्मचारियों को समाहित करने का भारी दबाव है।

हाल ही में जारी हुए तिमाही नतीजों के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्या ने बताया, “मैं नहीं मानती कि हम बहुत ज्यादा रिक्रूटमेंट करने जा रहे हैं। क्लर्कों की बात की जाए तो इसमें किसी भी तरह की भर्ती नहीं होने वाली हैं। हालांकि अधिकारियों के स्तर पर साल के अंत तक कुछ लोगों को हायर किया जा सकता है।'असोसिएट बैंकों के विलय के चलते हमारे पास पहले ही एंप्लॉयीज का ओवरफ्लो है।” एसबीआई ने इस साल प्रोबेशन पर 2,313 पीओ के पद निकाले थे। अब भी बैंक ने अपनी वेबसाइट पर जूनियर असोसिएट्स और पीओ की भर्ती के विज्ञापन जारी कर रखे हैं।

गौरतलब है कि विलय के बाद सहयोगी बैंकों के 70,000 कर्मचारी और भारतीय महिला बैंक के कर्मचारी स्टेट बैंक के कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं। इनमें 3,600 लोग वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं, यानी करीब 66,400 लोग एसबीआई से जुड़े हैं।

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