जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी जमीन की बिक्री

जमीन की बिक्री और रियल एस्टेट वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में नहीं आएंगे।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sun, 19 Mar 2017 12:00 PM (IST) Updated:Sun, 19 Mar 2017 12:02 PM (IST)
जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी जमीन की बिक्री
जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी जमीन की बिक्री

नई दिल्ली: आजादी के बाद अब तक के सबसे बड़े कर सुधार करार दिए जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने पर जमीन की बिक्री और रियल एस्टेट इसके दायरे में नहीं आएंगे। जीएसटी के मॉडल विधेयक में इस संबंध में प्रावधान किया गया है। ऐसा होने पर रियल एस्टेट और जमीन की खरीद-फरोख्त को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने से काले धन के खिलाफ मुहिम कमजोर पड़ सकती है। माना जा रहा है कि ज्यादातर रायों ने रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की हिमायत की। इस वजह से यह फैसला किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने सीजीएसटी और एसजीएसटी विधेयकों के जिन मसौदों को अंतिम रूप दिया है, उसमें जमीन की बिक्री को जीएसटी से बाहर रखने के संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया गया है। सीजीएसटी मॉडल विधेयक की अनुसूची तीन में साफ कहा गया है कि जमीन की बिक्री जीएसटी के दायरे में नहीं आएगी। इससे पूर्व के जीएसटी मॉडल विधेयकों में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान नहीं था। यानी जमीन की खरीद-फरोख्त पर स्टांप शुल्क देने की मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। फिलहाल जमीन की बिक्री पर राय सरकारें स्टांप शुल्क लगाती हैं। ऐसे में कई बड़े रायों का अपना राजस्व जाने का डर था। इसलिए रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जा रहा है।

रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने के संबंध में अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि वर्क्स कांट्रेक्ट जीएसटी के दायरे में आएगा। जीएसटी काउंसिल ने 16 मार्च को दिल्ली में हुई 12वीं बैठक में जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी विधेयकों को अंतिम रूप दिया है। जमीन की बिक्री और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम और जीएसटी काउंसिल के कुछ सदस्यों ने रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग उठायी थी।

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