जेट एयरवेज को उबारने आई ‘रोजा’
कंपनी के कुछ नियमित यात्रियों के एक ग्रुप ने ‘रिवाइवल ऑफ जेट एयरवेज’ (रोजा) योजना के तहत कंपनी को वापस रनवे पर लाने के लिए कर्जदाताओं के सामने प्रजेंटेशन दिया है।
नई दिल्ली (आइएएनएस)। कर्ज के बोझ तले दबी निजी विमानन कंपनी जेट एयरवेज के विमान 17 अप्रैल से परिचालन में नहीं हैं। कंपनी का परिचालन शुरू करने के लिए कर्जदाताओं की कोशिशें अपनी तरफ से जारी हैं और बेरोजगार कर्मचारी भी इसे एक बार फिर से उड़ते देखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं। अब जेट एयरवेज को उबारने के लिए ‘रोजा’ सामने आई है। कंपनी के कुछ नियमित यात्रियों के एक ग्रुप ने ‘रिवाइवल ऑफ जेट एयरवेज’ (रोजा) योजना के तहत कंपनी को वापस रनवे पर लाने के लिए कर्जदाताओं के सामने प्रजेंटेशन दिया है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और आइसीआइसीआइ बैंक समेत कंसोर्टियम के अन्य कर्जदाताओं के समक्ष दिए प्रजेंटेशन में रोजा के तहत नियमित यात्रियों ने विस्तृत कार्य-योजना पेश की है। ग्रुप का दावा है कि उसमें ख्याति प्राप्त पेशेवरों और जेट एयरवेज के आंशिक शेयरधारकों के साथ-साथ कंपनी को कर्ज देने वाले नौ बैंक भी शामिल हैं। शंकरन पी रघुनाथन के नेतृत्व में इस ग्रुप ने जेट एयरवेज के साझेदारों, पायलट, इंजीनियर, कर्मचारी यूनियन और बैंकों के सामने प्रजेंटेशन दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जेट एयरवेज के कुछ कर्मचारियों ने भी कंपनी के कर्जदाताओं के सामने करीब 7,000 करोड़ रुपये के निवेश से कंपनी का परिचालन अपने हाथों में लेने के लिए बोली लगाने की इजाजत मांगी थी। इस पर कर्जदाताओं के कंसोर्टियम ने कहा था कि वर्तमान योजना के तहत अगर 10 मई तक कंपनी के लिए कोई बड़ा निवेशक सामने नहीं आता, तो कर्मचारियों के कंसोर्टियम की बोली पर विचार किया जाएगा।
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