कारोबारी सुगमता में रैंकिंग सुधार को सीजेआइ से गुहार

रविशंकर प्रसाद ने स्थानीय अदालतों में व्यवसायिक विवादों के शीघ्र निपटानके लिए कहा

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 24 Mar 2017 09:40 AM (IST) Updated:Fri, 24 Mar 2017 09:43 AM (IST)
कारोबारी सुगमता में रैंकिंग सुधार को सीजेआइ से गुहार
कारोबारी सुगमता में रैंकिंग सुधार को सीजेआइ से गुहार

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। कारोबार करने की प्रक्रिया आसान बनाने को सरकार ने देश के मुख्य न्यायाधीश से मदद का आग्रह किया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर को पत्र लिखकर दिल्ली और मुंबई में स्थानीय अदालतों में व्यावसायिक विवादों के शीघ्र निपटान के लिए उचित कदम उठाने को कहा है। प्रसाद का कहना है कि स्थानीय अदालतों में व्यवसायिक विवादों के शीघ्र निपटान से विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स’ पर भारत की रैंकिंग सुधर जाएगी।

दरअसल कानून मंत्री को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को यह पत्र लिखने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि विश्व बैंक की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स’ पर अनुबंध प्रवर्तन (एनफार्सिग कांट्रेक्ट) के मामले में भारत की रैंकिंग काफी नीचे है। ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स 2017’ पर 190 देशों की सूची में भारत की रैकिंग जहां 130 है वहीं एनफार्सिग कांट्रेक्ट के मामले में भारत 172वें नंबर पर है। विश्व बैंक इस इंडेक्स को तैयार करते वक्त भारत के सिर्फ दो शहरों मुंबई और दिल्ली में स्थानीय अदालतों में व्यावसायिक विवादों के निस्तारण में लगने वाले समय को संज्ञान में लेता है इसलिए अगर स्थानीय अदालतों के स्तर पर न्यायिक प्रक्रिया तेज हो जाए तो भारत की रैंक सुधर सकती है। यही वजह है कि कानून मंत्री ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है।

प्रसाद ने कहा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनके संबंध में न्यायपालिका प्रभावी और सक्षम ढंग से न्याय देने के हित में पहल कर सकती है।

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