जम कर सस्ता क्रूड खरीद रही ओएमसी, 253 अरब रुपये की बचत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिस तरह से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुआ है उसका पूरा फायदा उठाने में देश की तेल कंपनियां जुट गई हैं।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिस तरह से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हुआ है उसका पूरा फायदा उठाने में देश की तेल कंपनियां जुट गई हैं। सरकारी क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) ना सिर्फ भारी मात्रा में तेल खरीद कर देश का रणनीतिक भंडार भर रही हैं बल्कि समुद्र में ही रहने वाले क्रूड से भरे जहाजों को भी खरीद रही हैं।
सस्ती दर पर जिनता क्रूड मार्च और अप्रैल में खरीदा गया है उससे देश को 253 अरब रुपये से ज्यादा की बचत कर चुके हैं। इस खरीद से देश में 53 लाख टन का रणनीतिक क्रूड भंडार अगले कुछ दिनों में भर जाएगा।पेट्रोलियम मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मार्च, 2020 के शुरुआत में ही यह फैसला कर लिया गया था कि सस्ती दरों पर क्रूड की खरीद की जाए।
सबसे पहले 11 मार्च, 2020 को वित्त मंत्रालय से अतिरिक्त धन की मांग की गई और 1 अप्रैल, 2020 को 3184 करोड़ रुपये की राशि का इंतजाम भी वित्त मंत्रालय की तरफ से कर दिया गया। जो 690 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से काफी ज्यादा था। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री ने अतिरिक्त क्रूड की खरीद के लिए सउदी अरब और यूएई के ऊर्जा मंत्रियों से संपर्क साधा। दोनो देशों ने 20.08 लाख टन क्षमता के 12 जहाज भारतीय तेल कंपनियों को आवंटित किये। इनमें से 8 तेल जहाज भारत पहुंच चुके हैं और इनसे 18.6 लाख टन क्रूड उतारा भी जा चुका है। बाकी चार जहाज जल्द ही भारतीय तट पर पहुंचने वाला है। इस अतिरिक्त क्रूड को देश में बनाये गये रणनीतिक भंडार में रखा गया है। इन भंडारों की क्षमता 53.3 लाख टन की है जो पहली बार पूरी तरह से भरी जा रही है।
भारतीय तेल कंपनियों 83 लाख टन क्षमता की फ्लोटिंग स्टोरेज की भी व्यवस्था कर ली है। इस क्रूड को तकरीबन 21.3 डॉलर प्रति बैरल की दर से खरीदा गया है। अगर जनवरी, 2020 में खरीदे गये क्रूड से तुलना करें तो 20,332 करोड़ रुपये की बचत की गई है। जबकि सउदी अरब और यूएई से अतिरिक्त क्रूड की खरीद से 5014 करोड़ रुपये की बचत की गई है। इसके अलावा देश की सरकारी व निजी कंपनियों ने 2.25 करोड़ टन क्षमता के क्रूड व पेट्रोलियम उत्पादों का भंडारण भी कर रखा है। यह भी सस्ते क्रूड को देखते हुए ही किया गया है।
मार्च, 2020 में तेल कंपनियों ने 33.36 डॉलर प्रति बैरल की दर से औसत खरीद की है जबकि अप्रैल, 2020 में औसत कीमत 19.90 डॉलर प्रति बैरल की रही है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि पिछले दो महीनों में सस्ती कीमतों की वजह से कुल 3.86 करोड़ टन क्रूड खरीदी गई है जो सालाना खपत का तकरीबन 18.5 फीसद है।