सरकार ने दो महीनों में MGNREGS के तहत 2.33 करोड़ लोगों को काम ऑफर करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये किए खर्च

पिछले साल मई महीने की तुलना में 40 से 50 फीसद अधिक लोगों ने योजना में काम के लिए अपना नामांकन कराया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Thu, 14 May 2020 06:09 PM (IST) Updated:Fri, 15 May 2020 07:59 AM (IST)
सरकार ने दो महीनों में MGNREGS के तहत 2.33 करोड़ लोगों को काम ऑफर करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये किए खर्च
सरकार ने दो महीनों में MGNREGS के तहत 2.33 करोड़ लोगों को काम ऑफर करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये किए खर्च

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार दूसरे दिन गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत कई बड़ी घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि पिछले दो महीनों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत 14.62 करोड़ काम के व्यक्ति दिनों को पैदा करने में 10,000 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं। आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के अंतर्गत योजनाओं की घोषणा करते हुए उन्होंने बताया कि 13 मई तक 2.33 करोड़ वेतन चाहने लोगों को काम ऑफर किया गया है। उन्होंने बताया कि यह काम 1.87 लाख ग्राम पंचायतों में मुहैया कराया गया है।

वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले साल मई महीने की तुलना में 40 से 50 फीसद अधिक लोगों ने योजना में काम के लिए अपना नामांकन कराया है। साथ वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में औसत मजदूरी भी बढ़ा दी है। इसे बढ़ाकर 202 रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 182 रुपये थी। साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रवासियों को एक्ट के प्रावधानों के तहत काम उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। इसके अलावा सरकार की इस योजना के तहत मानसून में भी लगातार काम उपलब्ध करवाने की योजना है। इसमें पौधारोपण से संबंधित कार्य शामिल होंगे।

#MGNREGA support to returning #Migrants

✅14.62 crore person-days of work generated till 13th May 2020

✅Actual Expenditure till date is around Rs. 10,000 Cr#AatmaNirbharBharatPackage pic.twitter.com/VDPGgI9L0q

— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 14, 2020

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार न्यूनतम मजदूरी को सार्वभौमिक अधिकार बनाने की दिशा में है। उन्होंने कहा कि सरकार समान न्यूनतम मजदूरी तय कर क्षेत्रीय असमानता को दूर करना चाहती है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि एक न्यूनतम मजदूरी गरीब से गरीब मजदूर को मिले। साथ ही वित्त मंत्री ने  कहा कि सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र देने की सुविधा लायी जाएगी और साल में एक बार उनकी स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना लायी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने रात्रि में काम करने वाली महिलाओं को सुरक्षा की व्यवस्था उपलब्ध करवाने की भी बात कही।

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