निर्यात बढ़ाने को राज्यों को साथ लेकर चलेगी सरकार

देश से निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को साथ लेकर चलेगी। इसी इरादे से सरकार एक निर्यात प्रोत्साहन मिशन का गठन करेगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर निर्यात बढ़ाने के उपाय करेंगी। इसके साथ ही विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में भी आपसी तालमेल को बेहतर बनाया जाएगा। सरकार

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Apr 2015 08:04 PM (IST) Updated:Wed, 01 Apr 2015 08:21 PM (IST)
निर्यात बढ़ाने को राज्यों को साथ लेकर चलेगी सरकार

नई दिल्ली। देश से निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को साथ लेकर चलेगी। इसी इरादे से सरकार एक निर्यात प्रोत्साहन मिशन का गठन करेगी। इसमें केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर निर्यात बढ़ाने के उपाय करेंगी। इसके साथ ही विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में भी आपसी तालमेल को बेहतर बनाया जाएगा। सरकार ने ये प्रावधान बुधवार को घोषित विदेश व्यापार नीति 2015-20 में किए हैं।

वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में विदेश नीति का एलान किया। नई विदेश नीति में विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के भारत से निर्यात के लिए प्रोत्साहन की घोषणाओं के अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान है वह यह कि अब निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर कोशिशें करेंगे। इसके लिए विदेश व्यापार नीति में संस्थागत उपाय किए गए हैं। सरकार व्यापार विकास और प्रोत्साहन परिषद का गठन करेगी। इसमें केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। साथ ही मौजूदा व्यापार बोर्ड पहले की भांति काम करता रहेगा।

वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि विदेश व्यापार नीति न तो कोई एक विभाग तैयार कर सकता है और न ही कोई विभाग इसे अकेले लागू कर सकता है। इसलिए इसे बनाने और लागू करने के लिए पूरी सरकार को प्रयास करना होगा। यही वजह है कि मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार की प्रक्रिया से राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न मंत्रालयों को जोड़ने की दिशा में कदम उठाया है। राज्य सरकारें निर्यात को बढ़ाने और गैर जरूरी आयात को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। वाणिज्य विभाग राज्यों को निर्यात की रणनीति बनाने में भी मदद कर रहा है।

सरकार मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों को भी लागू करने में राज्य सरकारों को साथ लेकर चल रही है। इससे पहले मोदी सरकार सहकारी संघवाद की नीति के तहत योजना आयोग को बदलकर राज्यों के प्रतिनिधित्व वाले नीति आयोग का गठन कर चुकी है। सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 32 से बढ़ाकर 42 प्रतिशत करने संबंधी 14वें वित्त आयोग की सिफारिश को भी स्वीकार किया है।

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