इन्फ्रा परियोजनाओं से रोजगार और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने की तैयारी, प्रधानमंत्री ने दिए ये निर्देश

शिथिल पड़ गई अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में तेजी लाने जा रही है। प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए कहा है।

By Manish MishraEdited By: Publish:Mon, 04 May 2020 06:51 AM (IST) Updated:Mon, 04 May 2020 04:07 PM (IST)
इन्फ्रा परियोजनाओं से रोजगार और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने की तैयारी, प्रधानमंत्री ने दिए ये निर्देश
इन्फ्रा परियोजनाओं से रोजगार और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने की तैयारी, प्रधानमंत्री ने दिए ये निर्देश

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोविड- 19 की वजह से शिथिल पड़ गई अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए सरकार अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में तेजी लाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन परियोजनाओं की समीक्षा और उसे आगे बढ़ाने के लिए कहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में तेजी लाने से रोजगार निकलने के साथ सीमेंट, स्टील व अन्य औद्योगिक वस्तुओं के उत्पादन में भी तेजी आएगी। वहीं वैश्विक स्तर के इन्फ्रास्ट्रक्चर होने से विदेशी निवेश लाने में भी मदद मिलेगी।

भारत इन दिनों चीन से कारोबार समेटने को तैयार कंपनियों को अपने यहां लाना चाहता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में तेजी को लेकर सरकार की गंभीरता का पता इस बात से भी चलता है कि गत 30 अप्रैल को नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) की हालिया रिपोर्ट वित्त मंत्रालय को सौंपी गई है। ताकि उसके मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की आगे की रणनीति तय की जा सके।

एनआइपी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत को वर्ष 2025 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर वर्ष 2030 तक की तैयारी रखनी पड़ेगी। इस 10 वर्षो में भारत को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर 4.5 लाख करोड़ डॉलर के खर्च का लक्ष्य लेकर चलना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2040 तक दुनियाभर में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर होने वाला आधा खर्च सिर्फ चार देश करेंगे। इनमें चीन, अमेरिका, भारत और जापान शामिल हैं।

एनआइपी की रिपोर्ट के मुताबिक बिजली, सड़क, रेलवे, शहरी विकास, टेलीकॉम, सिंचाई, एयरपोर्ट, पोर्ट व डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर सरकार का फोकस रहेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर होने वाले खर्च में केंद्र के साथ राज्य और निजी डेवलपर्स की भी हिस्सेदारी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर 56.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इस निवेश में केंद्र के साथ राज्य सरकार व निजी डेवलपर्स की भी हिस्सेदारी शामिल है। सबसे अधिक बिजली क्षेत्र के विकास पर 17.7 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए। 

वित्त वर्ष 2013 से लेकर 17 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर के निवेश में केंद्र सरकार से अधिक हिस्सेदारी राज्यों की थी। एनआइपी की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक स्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर होने वाले खर्च की दर काफी धीमी है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2040 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 94 लाख करोड़ डॉलर के निवेश का अनुमान है। वर्तमान में विश्व स्तर पर निवेश की जो धीमी दर चल रही है उसके मुताबिक वर्ष 2040 तक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले निवेश में 14 लाख करोड़ डॉलर का अंतर रह जाएगा। इनमें से 50 फीसद निवेश एशिया में होगा।

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