Mobile payments in India: कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहे कदम, मोबाइल से होने वाले लेनदेन में 163 फीसद का इजाफा

Mobile payments in India रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में खाते से खाते में पैसे का ट्रांसफर और दूसरे माध्यमों में मोबाइल फोन एप से होने वाले भुगतान में 163 परसेंट का उछाल आया है।

By Manish MishraEdited By: Publish:Wed, 17 Jun 2020 09:05 AM (IST) Updated:Thu, 18 Jun 2020 10:18 AM (IST)
Mobile payments in India: कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहे कदम, मोबाइल से होने वाले लेनदेन में 163 फीसद का इजाफा
Mobile payments in India: कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहे कदम, मोबाइल से होने वाले लेनदेन में 163 फीसद का इजाफा

नई दिल्ली, पीटीआइ। नकदी रहित लेनदेन की दिशा में देश तेजी से कदम बढ़ा रहा है। मोबाइल फोन इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इसकी एक झलक एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस की रिपोर्ट से सामने आई है। S&P की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में खाते से खाते में पैसे का ट्रांसफर और दूसरे माध्यमों में मोबाइल फोन एप से होने वाले भुगतान में 163 परसेंट का उछाल आया है। इंडिया मोबाइल पेमेंट मार्केट नाम से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में मोबाइल से कुल 28,700 करोड़ डॉलर (करीब 21.8 लाख करोड़ रुपये) का लेनदेन किया गया।

इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑनलाइन और एप्स के जरिये डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से किए गए लेनदेन में भी 24 परसेंट का इजाफा हुआ है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान इन तरीकों से 20,400 करोड़ डॉलर (करीब 15.5 लाख करोड़ रुपये) का लेनदेन किया गया। रिपोर्ट कहती है कि पॉइंट ऑफ सेल और ऑनलाइन किए गए खुदरा भुगतान में मोबाइल फोन की लोकप्रियता काफी बढ़ी है। इस दौरान खातों में पैसा भेजने, मोबाइल फोन अकाउंट रिचार्ज और यूटिलिटी बिल के भुगतान में मोबाइल फोन एप्स का जमकर उपयोग हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में ऐसा पहली बार हुआ है, जब एटीएम से पैसे निकालने की जगह कार्ड और मोबाइल आधारित भुगतान ज्यादा हुए हैं। इस दौरान एक बार एटीएम से पैसे निकालने के मुकाबले कार्ड और मोबाइल से होने वाले भुगतान दो से अधिक रहे हैं। हालांकि, एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस फिनटेक के एनॉलिस्ट संपत शर्मा नरियानुरी ने कहा है कि कोरोना के चलते इकोनॉमी को पहुंचे नुकसान की वजह से कैशलेस भुगतान में यह तेजी बरकरार रहना मुश्किल है। 

हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि फिजिकल डिस्टेंसिंग नियमों के चलते मोबाइल द्वारा किया जाने वाले लेनदेन में कार्ड की अपेक्षा तेज वृद्धि होगी। रिपोर्ट कहती है कि कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में 2019 बहुत बेहतर रहा है। दिसंबर, 2019 में खत्म हुई तिमाही के अंत में कार्ड और मोबाइल एप्स के जरिये होने वाला लेनदेन जीडीपी का 20 फीसद हो गया। इससे पहले 2018 की समान अवधि में यह जीडीपी का 13 फीसद था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआइ के माध्यम से होने वाले भुगतान में गूगल-पे और फोनपे जैसे एप ने अग्रणी भूमिका निभाई है। समीक्षाधीन अवधि में हुए कुल भुगतान में इन दोनों का हिस्सा करीब दो-तिहाई रहा।

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