खुदरा महंगाई घटकर छह माह के निचले स्तर पर

मार्च में खुदरा महंगाई की दर घटकर छह माह के न्यूनतम स्तर पर रह गई। इस दौरान महंगाई की दर 4.83 फीसद रही। खाद्य वस्तुओं जैसे सब्जियों और दालों की कीमत घटने से महंगाई कम हुई है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 12 Apr 2016 05:13 PM (IST) Updated:Tue, 12 Apr 2016 09:00 PM (IST)
खुदरा महंगाई घटकर छह माह के निचले स्तर पर

नई दिल्ली। मार्च में खुदरा महंगाई की दर घटकर छह माह के न्यूनतम स्तर पर रह गई। इस दौरान महंगाई की दर 4.83 फीसद रही। खाद्य वस्तुओं जैसे सब्जियों और दालों की कीमत घटने से महंगाई कम हुई है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआइ) पर आधारित महंगाई की दर फरवरी में 5.18 फीसद से बढ़कर 5.26 फीसद हो गई थी। खुदरा महंगाई सितंबर 2015 के बाद पहली बार इतने निचले स्तर पर आई है। उस समय महंगाई की दर 4.41 फीसद थी। सांख्यकीय व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खाद्य वस्तुओं की महंगाई घटकर 5.21 फीसद रह गई। फरवरी में यह आंकड़ा 5.30 फीसद पर था।

फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में दो फीसद की बढ़ोतरी

तीन महीने तक गिरावट के बाद फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में दो फीसद की बढ़ोतरी देखने में आई है। खनिज, बिजली तथा उपभोक्ता सामानों का उत्पादन बढऩे से यह संभव हुआ है। केंद्रीय सांख्यकी संगठन (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल नवंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में 3.4 फीसद, दिसंबर में 1.2 फीसद तथा इस साल जनवरी में 1.5 फीसद की कमी आई थी। जबकि पिछले साल फरवरी में सूचकांक में 4.8 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी।

अप्रैल-फरवरी 2015-16 के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 2.6 फीसद की बढ़ोतरी हुई। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 2.8 फीसद की दर से बढ़ा था। इस साल फरवरी में औद्योगिक उत्पादन में दो फीसद की बढ़ोतरी टिकाऊ उपभोक्ता सामानों के उत्पादन में 9.7 फीसद की बढ़ोतरी होने से संभव हुआ है, जो फरवरी, 2015 में केवल 3.8 फीसद बढ़ा था। जहां तक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की बात है, तो सूचकांक में 75 फीसद की हिस्सेदारी वाले इस क्षेत्र का उत्पादन फरवरी में महज 0.7 फीसद ही बढ़ा। जबकि पिछले साल फरवरी में इसमें 5.1 फीसद की बढ़ोतरी देखने में आई थी।

खनन क्षेत्र में अवश्य पिछली फरवरी की 1.6 फीसद की वृद्धि के मुकाबले इस फरवरी में पूरे 5 फीसद का इजाफा हुआ है। बिजली उत्पादन भी पिछली फरवरी से बेहतर आकड़ा प्राप्त हुआ है। पिछली फरवरी में बिजली उत्पादन 5.9 फीसद बढ़ा था, वहीं इस फरवरी में इसमें 9.6 फीसद का इजाफा हुआ है। उपयोग आधारित वर्गीकरण के हिसाब से देखें तो बुनियादी सामानों के उत्पादन में 5.4 फीसद की बढ़ोतरी भी पिछली फरवरी की 4.9 फीसद बढ़ोतरी से बेहतर है। हालांकि मशीनों और उपस्करों (कैपिटल गुड्स) का उत्पादन, जिससे निवेश प्रवाह का संकेत मिलता है, उसमें 9.8 फीसद की कमी आ गई है।

पिछले साल फरवरी में कैपिटल गुड्स का उत्पादन 8.3 फीसद बढ़ा था। उपभोक्ता सामानों के उत्पादन में भी कुल मिलाकर केवल 0.8 फीसद का इजाफा देखने को मिला है। जबकि पिछली फरवरी में इसमें 4.9 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी। गैर टिकाऊ उपभोक्ता सामानों का उत्पादन भी 4.2 फीसद गिर गया। पिछले साल यह 10.5 फीसद की जबरदस्त रफ्तार से बढ़ा था। उद्योगों के लिहाज से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कार्यरत 22 प्रकार के उद्योगों में से 16 में उत्पादन बढ़ा है।

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