भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात, जानिए

भारतीय सेयर बाजार ने बीते 31 वर्षों में तीसरी बार 30,000 का जादुई आंकड़ा छुआ, जानिए बाजार से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात

By Surbhi JainEdited By: Publish:Wed, 26 Apr 2017 11:25 AM (IST) Updated:Wed, 26 Apr 2017 11:25 AM (IST)
भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात, जानिए
भारतीय शेयर बाजार से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात, जानिए

नई दिल्ली (जेएनएन)। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) देश के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं। सेंसेक्स को बीएसई का संवेदी सूचकांक कहा जाता है, जिसकी स्थापना प्रेमचंद रॉयचंद ने 1875 में की थी और फिर 1957 में इसे भारत सरकार की ओर से मान्यता मिली थी। इसके बाद 1 जनवरी 1986 को यह आधिकारिक तौर पर बीएसई इंडेक्स (सेंसेक्स) बना था।

शेयर बाजार देश की अर्थव्यवस्था, राजनीति और बड़ी-बड़ी घटनाओं से प्रभावित होता है। इसमें तेजी या मंदी शेयर कारोबारियों के पर असर डालती है। भारत के अलग-अलग क्षेत्र की 30 सक्रिय और वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियां बाजार का संचालन करती हैं।

बीएसई में 550 से ज्यादा कंपनियां रजिस्टर्ड
बीएसई सेंसेक्स में 5500 से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत हैं, इस लिहाज से यह दुनिया का सबसे बड़ा एक्सचेंज है। बीएसई भारतीय शेयर बाजार की पूंजी व्यवस्था बीते 139 वर्षों से देखरेख कर रहा है।

कैसे स्थापित हुआ बीएसई
एशिया के इस सबसे पुराने एक्सचेंज की स्थापना 1850 के आसपास हुई थी। शुरुआत में पांच स्टॉक ब्रोकर अपने कारोबार के संबंध में मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इस बैठक की जगह ब्रोकर्स की संख्या में साल-दर-साल बदलाव के कारण बदलती गई। वर्ष 1874 में ये पूरा समूह दलाल स्ट्रीट में शिफ्ट हो गया और वर्ष 1875 में इसे आधिकारिक तौर पर 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’का नाम दे दिया गया। इस लोगों ने इसके बाद दलाल स्ट्रीट पर एक दफ्तर खरीदा, जिसे आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भी भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना वर्ष 1992 में डिम्युचुअलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के तौर पर की गई थी। यहां विभिन्न क्षेत्र की शीर्ष कंपनियां इसका संचालन करती हैं। इसमें करीब 1659 कंपनियां पंजीकृत हैं। 3 फरवरी 2017 को इसके मुख्य कार्यकारी विक्रम लिमाए को बनाया गया है।

शेयर बाजार में क्या हैं बुल और बीअर के मायने?
शेयर बाजार बुल का मतलब तेजी और बीयर का गिरावट होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बुल हमेशा सींग ऊपर करके हमला करता है, इसलिए इसे उछाल और मुनाफे वाले बाजार का सूचक माना जाता है। वहीं, बीयर यानी भालू जो जब किसी चीज पर झपटता है तो उसके पंजे नीचे की ओर होते हैं, इसलिए बीयर को गिरावट का सूचक माना जाता है।

कौन होते हैं मंदड़िए और तेजड़िए?
शेयर बाजार में मंदी लाने वाले ग्रुप या ऑपरेटर्स को मंदड़िए कहा जाता है। इनका प्रयास बाजार में शेयर को बेचकर मुनाफा कमाने का होता है। वहीं, तेजड़िए बाजार में शेयर को खरीदकर तेजी लाते हैं और मुनाफा कमाते हैं।

क्या होता है शेयर कॉर्नर?
जब किसी विशेष कंपनी या उद्योग के शेयरों को इकट्ठा करते हैं तो इसे शेयर कॉर्नर कहा जाता है। यह किसी कंपनी के शेयर बढ़ने की पूरी संभावना की स्थिति में होता है। साथ ही किसी कंपनी की बुनियाद बेहतर होने पर ये स्थिति आती है।

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