बांग्लादेश और श्रीलंका चीनी पर आयात शुल्क घटाएं: उद्योग

इस्मा की वार्षिक आमसभा में बृहस्पतिवार को चीनी निर्यात को बनाये रखने की दीर्घकालिक रणनीति पर विचार किया गया

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 15 Dec 2017 11:36 AM (IST) Updated:Fri, 15 Dec 2017 11:36 AM (IST)
बांग्लादेश और श्रीलंका चीनी पर आयात शुल्क घटाएं: उद्योग
बांग्लादेश और श्रीलंका चीनी पर आयात शुल्क घटाएं: उद्योग

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। घरेलू चीनी उद्योग ने श्रीलंका और बांग्लादेश से भारतीय चीनी का उपभोग और आयात करने का आग्रह किया है। उद्योग ने इसके लिए केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि साफ्टा समझौते में शामिल इन पड़ोसी देशों पर आयात शुल्क में रियायत देने का दबाव बनाया जाए। तभी घरेलू चीनी उद्योग अपनी मुश्किलें सुलझा पाएगा। लेकिन इसके लिए उन्हें सरकार के सहयोग व समर्थन की सख्त दरकार है।

चालू पेराई सीजन में भले ही चीनी का उत्पादन घरेलू जरूरतों को पूरा करने भर की ही हो, लेकिन अगले चीनी वर्ष में उत्पादन बढ़ने के अनुमान को देखते हुए चीनी उद्योग सतर्क हो गया है। उद्योग ने इसके मद्देनजर पेशबंदी भी शुरू कर दी है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए बयानबाजी शुरू कर दी है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की वार्षिक आमसभा में बृहस्पतिवार को चीनी निर्यात को बनाये रखने की दीर्घकालिक रणनीति पर विचार किया गया।

इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि चीनी उद्योग की चुनौतियों का समाधान आसानी से हो सकता है। श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी मित्र देशों में 25 से 30 लाख टन चीनी की कमी होती है, जिसे दोनों देशों आयात कर पूरा करते हैं। इसे अकेले भारत से पूरा किया जा सकता है। लेकिन इन दोनों देशों पर सीमा शुल्क में रियायत के लिए सरकार दबाव बना सकती है। सार्क संगठन में शामिल श्रीलंका और बांग्लादेश साउथ एशियन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (साफ्टा) देशों में हैं।

chat bot
आपका साथी