टेलिकॉम कंपनियों के बकाए को इक्विटी में बदलने पर जल्‍द आ सकता है पूरा प्‍लान, सरकार की है यह तैयारी

India telecom sector news कर्ज में डूबी कंपनियों वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) टाटा टेलीसर्विसेज लि. (टीटीएसएल) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लि. (टीटीएमएल) ने ब्याज की जगह कंपनी में हिस्सेदारी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है ।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Fri, 14 Jan 2022 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jan 2022 12:30 PM (IST)
टेलिकॉम कंपनियों के बकाए को इक्विटी में बदलने पर जल्‍द आ सकता है पूरा प्‍लान, सरकार की है यह तैयारी
इस प्रक्रिया में एक महीने से अधिक वक्त नहीं लगना चाहिए। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क । सरकार दूरसंचार कंपनियों के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) पर ब्याज की देनदारी को इक्विटी में बदलने के बारे में एक महीने के भीतर विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर सकती है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ब्याज देनदारी के एवज में तीन दूरसंचार कंपनियों में हिस्सेदारी से जुड़ी प्रक्रिया एक महीने में पूरी हो सकती है। कर्ज में डूबी कंपनियों वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल), टाटा टेलीसर्विसेज लि. (टीटीएसएल) और टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लि. (टीटीएमएल) ने ब्याज की जगह कंपनी में हिस्सेदारी का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है।

अधिकारी ने कहा कि बकाया भुगतान को इक्विटी में बदलने से जुड़ा ब्योरा वित्त मंत्रालय से आना है। निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) उस ब्योरे पर काम करेगा और फिर दूरसंचार विभाग को भेजेगा। इस प्रक्रिया में एक महीने से अधिक वक्त नहीं लगना चाहिए।

पिछले साल सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज की घोषणा की थी। उसके तहत वोडाफोन आइडिया लिमिटेड, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड और टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र लिमिटेड ने अपनी ब्याज देनदारियों को इक्विटी में बदलने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है।

इस प्रक्रिया के पूरा हो जाने पर वीआईएल में सरकार की हिस्सेदारी 35.8 फीसदी हो जाएगी और वह सबसे बड़ी शेयरधारक होगी। इसके अलावा टीटीएसएल और टीटीएमएल दोनों कंपनियों में उसकी हिस्सेदारी 9.5- 9.5 फीसदी होगी।

वीआईएल का आकलन है कि एजीआर पर उसकी ब्याज देनदारी करीब 16,000 करोड़ रुपये है। टीटीएसएल के मामले में यह आंकड़ा करीब 4,139 करोड़ रुपये और टीटीएमएल के लिए 850 करोड़ रुपये है।

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक दिन पहले ही कहा है कि बकाया देनदारियों को इक्विटी में बदले जाने के बावजूद इन कंपनियों की मूल राशि की देनदारी बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इन कंपनियों में सिर्फ निवेशक के रूप में बनी रहेगी । ( Pti इनपुट के साथ )

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