सितंबर में भारत को मिलेगा स्विस बैंक में जमा काले धन के डिटेल का तीसरा सेट, रियल एस्‍टेट की जानकारियां पहली बार मिलेंगी

भारत सरकार को सितंबर में स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वतः आदान-प्रदान के समझौते के तहत स्विस बैंक अकाउंट डिटेल का तीसरा सेट मिलेगा। इस डिटेल में पहली बार भारतीयों के मालिकाना अचल संपत्ति की जानकारी भी शामिल होगी।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 09:52 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 09:52 AM (IST)
सितंबर में भारत को मिलेगा स्विस बैंक में जमा काले धन के डिटेल का तीसरा सेट, रियल एस्‍टेट की जानकारियां पहली बार मिलेंगी
भारत को इस महीने स्विस बैंक खाते के डिटेल का तीसरा सेट मिलेगा

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान के समझौते के तहत अपने नागरिकों के स्विस बैंक खाते के डिटेल का तीसरा सेट मिलेगा और इसमें पहली बार भारतीयों की मालिकाना अचल संपत्ति के बारे में डेटा शामिल होगा। रविवार के दिन अधिकारियों के हवाले से इस जानकारी की पुष्टि हुई है।

विदेशों में कथित रूप से जमा काले धन के खिलाफ भारत सरकार की लड़ाई में एक अहम कदम के रूप में, भारत को इस महीने स्विट्जरलैंड में भारतीयों के स्वामित्व वाले फ्लैट, अपार्टमेंट और कॉन्डोमिनियम के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी और साथ ही ऐसी संपत्तियों से होने वाली कमाई पर टैक्स भी वसूला जा सकेगा जो कि उन संपत्तियों से जुड़ी हैं।

यह कदम स्विट्जरलैंड के साथ यूरोपीय अल्पाइन देशों के लिए भी काफी अहम है। स्विस बैंकिंग सिस्टम लंबे समय से चले आ रहे काले धन के लिए एक सुरक्षित ठिकाने की धारणा को बदल कर एक प्रमुख वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहा है। ऐसा तीसरी बार होगा जब भारत को स्विट्जरलैंड में भारतीयों द्वारा रखे गए बैंक खातों और अन्य वित्तीय संपत्तियों के बारे में डिटेल मिलेगी। साथ ही पहली बार भारत के साथ साझा की जा रही जानकारी में अचल संपत्ति की संपत्ति के बारे में जानकारी शामिल होगी।

अधिकारियों के अनुसार स्विस सरकार अचल संपत्ति की संपत्ति का विवरण साझा करने के लिए सहमत हो गई है, हालांकि गैर-लाभकारी संगठनों और ऐसे अन्य योगदान के बारे में जानकारी, साथ ही डिजिटल मुद्राओं में निवेश का विवरण अभी भी सूचना ढांचे के स्वचालित आदान प्रदान से बाहर है।

आईडीडीआई इन्वेस्टमेंट्स की मूल फर्म,स्विट्जरलैंड फॉर यू एसए के संस्थापक और सीईओ हिमांशु, भारत सहित अन्य देशों के साथ विदेशी ग्राहकों की संपत्ति के स्वामित्व के बारे में जानकारी साझा करने के लिए स्विट्जरलैंड सरकार का स्वागत है। हमें स्विस अधिकारियों द्वारा ऐसी जानकारी छिपाने का कोई वैध कारण नहीं मिलता है। आखिरकार, संपत्ति का स्वामित्व कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे छुपाकर रखा जा सकता है।

भारत को सितंबर 2019 में AEOI (सूचना का स्वचालित आदान-प्रदान) के तहत स्विट्जरलैंड से विवरण का पहला सेट मिला था। उस साल भारत ऐसी जानकारी प्राप्त करने वाले 75 देशों में शामिल था। साल 2020 सितंबर में, भारत को 85 अन्य प्राप्तकर्ता देशों के साथ अपने नागरिकों और संस्थाओं के स्विस बैंक खाते के विवरण का दूसरा सेट प्राप्त हुआ, जिनके साथ स्विट्जरलैंड के संघीय कर प्रशासन (एफटीए) ने पिछले साल एईओआई पर वैश्विक मानकों के ढांचे के भीतर वित्तीय खातों पर जानकारी का आदान-प्रदान किया था।

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