अपने दायरे में विस्तार करने जा रहा आयकर विभाग

बेशक आप मामूली व्यापारी क्यों न हो, लेकिन यह खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देने वाली है। आयकर विभाग अपने दायरे में विस्तार करने जा रहा है। इस वित्त वर्ष में देश भर से तीन करोड़ नए करदाता जुटाने का लक्ष्य मिला है, जो अब तक का सबसे बड़ा

By Sudhir JhaEdited By: Publish:Thu, 21 May 2015 08:46 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2015 09:09 PM (IST)
अपने दायरे में विस्तार करने जा रहा आयकर विभाग

आगरा, जागरण संवाददाता। बेशक आप मामूली व्यापारी क्यों न हो, लेकिन यह खबर आपको सोचने पर मजबूर कर देने वाली है। आयकर विभाग अपने दायरे में विस्तार करने जा रहा है। इस वित्त वर्ष में देश भर से तीन करोड़ नए करदाता जुटाने का लक्ष्य मिला है, जो अब तक का सबसे बड़ा लक्ष्य माना जा रहा है। इसे हासिल करने के लिए विभाग तमाम तरह के प्रयास करेगा, बेशक कोई पान का खोखा ही क्यों न चलाता हो।

दरअसल, टैक्सनेट बढ़ाने के लिए आयकर विभाग अब विभिन्न तरह के लेन-देन के साथ ही छोटे जमीनी मामलों से लेकर कीमती धातुओं में निवेशों तक पर निगरानी रखेगा। कुछ दिन पूर्व सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने देश के विभिन्न आयकर कार्यालयों को नोटिस भेज इस वित्त वर्ष के लिए तीन करोड़ नए करदाता जुटाने का लक्ष्य दिया है। मतलब हर माह 25 लाख नए करदाता शामिल करना। 1961 में नया आयकर कानून बनने के बाद से पिछले 54 वर्षो में अब तक तीन करोड़ करदाता ही जुड़ पाए हैं। ऐसे में एक वर्ष के अंतर्गत दोगुने लक्ष्य की प्राप्ति करना आसान नहीं है। इसके लिए विभाग छोटे शहरों की ओर देख रहा है।

बेशक हो छोटा व्यापार

अधिकारियों के मुताबिक अब यह देखा जाएगा कि कौन से छोटे व्यापार ऐसे हैं, जिनमें अच्छा मुनाफा है। बेशक वह पान का खोखा हो या बेढ़ई-कचौड़ी की ठेल। मान लीजिए एक लाख रुपये की एफडी बनवा रखी हो, लेकिन टैक्स की प्रणाली में न हो। इन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। अगर छोटी गाड़ी ली है, तो आरटीओ से उसका भी रिकॉर्ड मंगवाया जाएगा। जमीन के छोटे निवेश के मामले में तहसीलों से रजिस्ट्री मंगवाई जाएगी। अभी तक यह मशक्कत बडे़ निवेशों के लिए ही की जाती है।

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