औद्योगिक उत्पादन ने पकड़ ली रफ्तार

औद्योगिक उत्पादन ने रफ्तार पकडऩे से अर्थव्यवस्था के सुस्ती से उबरने के संकेत मिलने लगे हैं। चालू वित्त वर्ष में नवंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बीते पांच महीने में सर्वाधिक है। आइआइपी में यह बढ़ोतरी मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्रों में

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Tue, 13 Jan 2015 10:02 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jan 2015 10:08 AM (IST)
औद्योगिक उत्पादन ने पकड़ ली रफ्तार

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। औद्योगिक उत्पादन ने रफ्तार पकडऩे से अर्थव्यवस्था के सुस्ती से उबरने के संकेत मिलने लगे हैं। चालू वित्त वर्ष में नवंबर के दौरान औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बीते पांच महीने में सर्वाधिक है। आइआइपी में यह बढ़ोतरी मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्रों में सुधार तथा पूंजीगत वस्तुओं की बेहतर खपत के चलते आई है। दिसंबर 2013 में आइआइपी में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी। आइआइपी को औद्योगिक उत्पादन का बैरोमीटर माना जाता है। इसलिए इसमें वृद्धि अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरने का इशारा करती है।

हालांकि खुदरा महंगाई दर दिसंबर महीने में मामूली बढ़कर पांच प्रतिशत हो गई है। नवंबर में मुद्रास्फीति की यह दर करीब चार साल के निचले स्तर 4.38 प्रतिशत पर थी। वैसे दिसंबर, 2013 में खुदरा महंगाई दर 9.87 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी। केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2014-15 में अप्रैल से नवंबर के दौरान आइआइपी में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा मात्र 0.1 प्रतिशत था।

मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में नवंबर में तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में इसमें 2.6 प्रतिशत की कमी आई थी। मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह क्षेत्र रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया कराता है। अप्रैल से नवंबर के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग में 1.1 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसमें 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। कुल मिलाकर मैन्यूफैक्चरिंग के 22 में से 16 क्षेत्रों में सकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई है।

खनन क्षेत्र की नवंबर में 3.4 प्रतिशत वृद्धि हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष के समान माह में इसमें 1.6 प्रतिशत बढ़त दर्ज हुई थी। अप्रैल से नवंबर के दौरान इसमें 2.5 प्रतिशत वृद्धि हुई। पिछले वित्त वर्ष में इसमें 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इसी तरह पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में नवंबर में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले साल इसमें 0.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई थी।

खुदरा महंगाई का मोर्चा

महंगाई के मोर्चे पर फल और सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर मामूली बढ़ी है। हालांकि इसमें वृद्धि के बावजूद विशेषज्ञों का कहना है कि रिजर्व बैंक तीन फरवरी को जब अपनी छठी द्विमासिक नीतिगत समीक्षा करेगा, तो ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। दिसंबर में सब्जियों के भाव में 0.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि नवंबर में इसमें 10.9 प्रतिशत गिरावट आई थी। इसी तरह फलों के दाम 14.84 प्रतिशत बढ़े, जबकि नवंबर में 13.74 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। वैसे, खाद्य महंगाई दर में दिसंबर, 2014 में 4.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि नवंबर में 3.14 प्रतिशत थी।

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