HUL ने GlaxoSmithKline में विलय की घोषणा की, पेय पदार्थ पर रहेगी नजर
हिंदुस्तान यूनिलीवर का GlaxoSmithKline कंज्यूमर हेल्थकेयर लिमिटेड (GSKCH) में विलय हो गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। हिंदुस्तान यूनिलीवर का GlaxoSmithKline कंज्यूमर हेल्थकेयर लिमिटेड (GSKCH) में विलय हो गया है। बुधवार को इसकी घोषणा की गई। HUL ने एक बयान में कहा कि कंपनी को GSKCH के विलय के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के साथ सभी आवश्यक नियामक अप्रूवल मिल गए हैं।
इसके अलावा HUL के बोर्ड ने अपने मूल फर्म यूनिलीवर और GSK के बीच मूल समझौते में उपलब्ध विकल्प का उपयोग करते हुए, 3,045 करोड़ रुपये के लिए पेय ब्रांड हॉर्लिक्स के अधिग्रहण को भी मंजूरी दे दी।
एक बयान में कहा गया कि यह समझौता HUL को अपनी बैलेंस शीट पर नकदी का उपयोग करने और शेयरधारकों के लिए मूल्य बनाने में सक्षम करेगा। अन्य ब्रांड जैसे बूस्ट, माल्टोवा और वीवा GSKCH के स्वामित्व में थे। बयान में कहा गया है कि विलय के आधार पर HUL के ब्रांड पोर्टफोलियो में बदलाव आया है।
3 दिसंबर 2018 को HUL ने GSKCH के विलय की घोषणा की थी। यह एफएमसीजी क्षेत्र में हाल के समय में सबसे बड़े सौदों में से एक है।
यह सौदा हेल्थ फूड ड्रिंक्स बाजार में HUL के लिए नए अवसर खोलेगा, क्योंकि GSKCH इस सेगमेंट में सबसे बड़ा मार्केट लीडर था। इसमें हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसे ब्रांड का अच्छा नाम था। बयान में कहा गया है कि हॉर्लिक्स और बूस्ट जैसे ब्रांड का काफी नाम है और हम उन्हें हिंदुस्तान यूनिलीवर में शामिल करके काफी उत्साहित हैं। बयान के मुताबिक, इस विलय से हमें अपने उद्देश्य को पूरा करने और देश की सेवा करने का एक बेहतर अवसर मिला है। एचएफडी बाजार में हॉर्लिक्स की हिस्सेदारी 50 फीसद के करीब है।
एफएमसीजी फर्म ने कहा कि यह विलय भारत में एक लाभदायक और टिकाऊ पोषण व्यवसाय बनाने के लिए HUL को प्रेरित करेगा। HUL भारत में जीएसके कंज्यूमर हेल्थकेयर परिवार के ब्रांडों को वितरित करने के लिए कंसाइनमेंट सेलिंग व्यवस्था के माध्यम से जीएसके के साथ साझेदारी करेगा।