SBI के बैंक मित्र बनकर हर महीने कमा सकते हैं मोटी रकम, जानें क्या करना होगा
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से जुड़कर बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (BC) या बैंक मित्र बनकर हर महीने अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। अगर आप नौकरी की तलाश में हैं और नौकरी नहीं मिल पा रही है तो अब आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। अगर आप शिक्षित हैं तो आज हम आपको इस खबर के जरिए रोजगार के प्रति जागरुक कर रहे हैं। देश का सबसे बड़ा कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (BC) की पेशकश करता है। आप इस सर्विस के जरिए बैंक से जुड़कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं और प्रति माह अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। बैंक के बीसी पर बनने पर आपको बैंक की तरफ से एक तय अमाउंट मिलेगा और उसी के साथ अन्य काम करने पर कमीशन भी मिलेगा। भारतीय स्टेट बैंक का देश में सबसे बड़ा बैंक है, जिसके बीसी/सीएसपी की भी सबसे ज्यादा हैं।
बीसी बनने के लिए क्या-क्या चाहिए
बीसी बनने के लिए आपके पास कंप्यूटर और अन्य जरूरी टेक्निकल गैजेट्स, एक वाहन और दुकान होनी चाहिए।
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बीसी मॉडल से कौन-कौन जुड़ सकता है
इंडियन सोसाइटी/ट्रस्ट एक्ट के अंडर सेट एनजीओ / एमएफआई
सेक्शन 25 कंपनियां
पोस्ट ऑफिस
रिटायर्ड बैंक कर्मचारी
एक्स सर्विसमैन
रिटायर्ड गवर्नमेंट कर्मचारी
किराना/चिकित्सा/फेयर प्राइस दुकान के मालिक
पीसीओ ऑपरेटर
इंश्योरेंस कंपनियों/भारत सरकार की स्मॉल सेविगं स्कीम के एजेंट
पेट्रोल पंप के मालिक
रिटायर्ड टीचर
बैंकों से जुड़े सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) के ऑथोराइज्ड अधिकारी।
किसान क्लबों के सदस्य।
रूरल मल्टीपर्पज कियोस्क / विलेज कोलीज सेंटर के ऑपरेटर्स
एग्री क्लिनिक सेंटर / एग्री बिजनेस सेंटर को मैनेज करने वाले/ प्रोपराइटर / आदि
रिटायर्ड पोस्ट मास्टर्स
ऑटो डीलर, ट्रैक्टर डीलर और एफएमसीजी स्टॉकिस्ट आदि
प्राइवेट और अन्य इंश्योरेंस कंपनियों और डाक एजेंट
प्रॉफिट कंपनियों के लिए
सिलेक्शन कमैटी की तरफ से तय किया गया कोई अन्य व्यकित
बीसी और उसके आउटलेट की तरफ से मिलने वाली सर्विस
बीसी के जरिए ग्राहक सेवा प्वाइंट (CSP) पर ग्राहक ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
यहां पर अकाउंट खोले जा सकते हैं।
बैंक से संबंधित सर्विस की जानकारी ली जा सकती है।
बैंक के लिए कई प्रकार की डिपॉजिट और लोन प्रोडक्ट की जानकारी मिल सकती है। बीसी आउटलेट को बैंक की इनमें से किसी एक टेक्नोलॉजी के जरिए बीसी सर्विस शुरू करनी है। ये कार्ड टेक्नोलॉजी, कियोस्क बैंकिंग टेक्नोलॉजी और सेल फोन मैसेजिंग टेक्नोलॉजी हो सकती है।
जहां तक कार्ड टेक्नोलॉजी की बात है, एसबीआई के पास दो वेंडर्स हैं और अगर बीसी यूनिट बीसी एक्टिविटी करना चाहती है तो यह इन टेक्नोलॉजी में से किसी एक का चयन कर सकती है।
नो फ्रिल अकाउंट्स में और अन्य सभी अकाउंट के लिए कैश पेमेंट केवल टेक्नोलॉजी के जरिए किया जाएगा। BF को कैश संभालने की अनुमति नहीं है। बीएफ की तरफ से लिए गए ग्राहक संबंधित ब्रांच में ही ट्रांजेक्शन करेंगे।
एक स्मार्ट कार्ड, एक चिप वाला कार्ड (जो कि कॉन्टेक्ट और कॉन्टेक्ट लैस हो सकता है) या एक चिप-लेस या सिर्फ एक प्लास्टिक कार्ड का इस्तेमाल ट्रांजेक्शन के लिए कर सकते हैं। ये कार्ड बायोमेट्रिक पहचान के साथ काम करते हैं। ट्रांजेक्शन ऑनलाइन या ऑफलाइन भी हो सकती है। एसबीआई टिनी सेविंग अकाउंट बैंक और एसबीआई टिनी आरडी डिपॉजिट अकाउंट के रूप में नो-फ्रिल्स अकाउंट खोल सकते हैं।
बीसी को फाइनेंशियल लिटरेसी/ अवेयरनेस प्रयासों में भाग लेने की आवश्यकता होगी।
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जरूरी बातें
बीसी का एक आउटलेट एसबीआई से जुड़ने के बाद किसी अन्य बैंक/फाइनेंशियल यूनिट के लिए कोई बिजनेस नहीं कर सकता है। सिक्योरिटी डिपॉजिट: हमारी बैंक की पॉलिसी के तहत बीसी को एक साल में होने वाले बिजनेस के फीसद के बराबर सिक्योरिटी डिपॉजिट जमा करवाने की जरूरत है। एसबीआई साइन बोर्ड के साथ-साथ बीसी चलाने के लिए जरूरी स्टेशनरी भी उपलब्ध करवाएगा। बीसी को मिलने वाले कमीशन के रेट चयन प्रक्रिया के पूरा होने के बाद में बताए जाएंगे।