अगर गांवों में WhatsApp काम कर सकता है जो जीएसटी प्लेटफॉर्म भी करेगा: जीएसटीएन प्रमुख

जीएसटीएन प्रमुख का कहना है कि जीएसटी नेटवर्क गांवों में भी आसानी से काम कर सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Mon, 19 Jun 2017 05:33 PM (IST) Updated:Mon, 19 Jun 2017 05:33 PM (IST)
अगर गांवों में WhatsApp काम कर सकता है जो जीएसटी प्लेटफॉर्म भी करेगा: जीएसटीएन प्रमुख
अगर गांवों में WhatsApp काम कर सकता है जो जीएसटी प्लेटफॉर्म भी करेगा: जीएसटीएन प्रमुख

नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी नेटवर्क को तैयार करने वाली कंपनी ने उन सभी खतरों को नकारा है जिसमें कहा जा रहा है कि ऑनलाइन उपकरणों से छोटे व्यवसायों को संभालना बहुत बोझिल हो जाएगा। कंपनी ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा कि मौजूदा कर व्यवस्था के अंतर्गत वैट, सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन और रिटर्न फाइलिंग के लिए वैब-बेस्ड सर्विस का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जीएसटीएन प्रमुख प्रकाश कुमार ने बताया कि अगर फाइल बहुत बड़ी नहीं हुई तो डेटा अपलोड करना भी मुश्किल नहीं होगा। उन्होंने कहा, “5एमबी की फाइल साइज एक मिनट के व्हाट्सअप वीडियो के बराबर होती है। लोग कहते हैं कि सेमी-अर्बन और ग्रामीण इलाकों में फाइल करना मुश्किल होगा, लेकिन क्या वहां व्हाट्सअप काम नहीं करता है। लोग काफी सारे वीडियो डाउनलोड करते हैं। अगर सेमी अर्बन और ग्रामीण क्षेत्रों में व्हाट्सअप काम कर सकता है तो यह भी काम कर सकता है।”

वहीं अगर किसी सूरत में फाइल साइज जरूरत से ज्यादा छोटी हुई जैसा कि अधिकांश टैक्सपेयर्स के साथ देखा जा सकता है, इस पर कुमार ने कहा, “करीब 80 फीसद के पास कुछ हजारों में इनवॉयस हैं। एक रिटेलर किसी बिजनेस को बिक्री नहीं कर रहा है, बल्कि वो हमारे और आप जैसे लोगों को कर रहा है। उसके लिए सप्लाई (आपूर्ति) संभवत: पांच लाइनों में हैं- पांच उत्पादों के सकल कारोबार क्या होता है? उनके लिए रिटर्न काफी आसान है।”

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