आइएलएंडएफएस की ओर से दिए गए कर्ज में गड़बड़झाला

संकट में फंसे इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस) ग्रुप द्वारा दिए गए कर्ज में गड़बड़झाला होने की बात सामने आई है।

By NiteshEdited By: Publish:Tue, 05 Mar 2019 10:09 AM (IST) Updated:Tue, 05 Mar 2019 11:22 AM (IST)
आइएलएंडएफएस की ओर से दिए गए कर्ज में गड़बड़झाला
आइएलएंडएफएस की ओर से दिए गए कर्ज में गड़बड़झाला

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। संकट में फंसे इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस) ग्रुप द्वारा दिए गए कर्ज में गड़बड़झाला होने की बात सामने आई है। समूह द्वारा कराए गए विशेष ऑडिट में अकाउंटिंग और कंसल्टेंसी फर्म ग्रांट थॉन्र्टन ने 13,000 करोड़ से अधिक के कर्ज में गड़बड़ी होने की बात कही है। आइएलएंडएफएस ग्रुप पर 94,000 करोड़ का कर्ज बकाया है।

विशेष ऑडिट रिपोर्ट में ऐसे 29 मामलों की पहचान की गई है, जिनमें ऐसा लगता है कि ग्रुप द्वारा किसी कंपनी को दिए गए लोन का उपयोग उसकी सहायक कंपनियों ने आइएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आइएफआइएन) का कर्ज उतारने में किया। रिपोर्ट के मसौदे में कहा गया है कि ग्रुप के 2,502 करोड़ के कर्ज में इस प्रकार की गड़बड़ी दिखी है। यह रिपोर्ट एक अप्रैल 2013 से 30 सितंबर 2018 के बीच आइएलएंडएफएस लिमिटेड और उसकी कुछ सहायक कंपनियों द्वारा दिए गए बड़े कर्जो पर तैयार की गई है।

रिपोर्ट में ऐसे 18 मामलों की पहचान की गई है, जिनमें ऐसी कंपनियों के लिए कर्ज को मंजूरी दी गई, जिनके संकट में आ सकने की संभावना मीडिया रिपोर्ट्स में जताई गई थी। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि रिस्क टीम द्वारा नकारात्मक मूल्यांकन किए जाने के बावजूद इस तरह के मामलों में 2,400 करोड़ से अधिक के लोन दिए गए।

ग्रांट थॉन्र्टन ने 10 बड़ी अनियमितताओं की ओर इशारा किया है और कहा है कि इनमें कुल 13,290 करोड़ की राशि शामिल है। रिपोर्ट में ऐसे कई मामले बताए गए, जिनमें 541 करोड़ के लोन छोटी अवधि के लिए दिए गए थे, इसका उपयोग लंबी अवधि के लक्ष्यों में किए जाने की संभावना दिखती है। 

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