धोखाधड़ी करने वालों के नाम प्रकाशित करने पर विचार

कॉरपोरेट और निवेश क्षेत्र में बढ़ते फर्जीवाड़ों से परेशान सरकार अब इन गतिविधियों में शामिल लोगों के नाम प्रकाशित करने पर विचार कर रही है। बैंक और बाजार नियामक सेबी डिफॉल्टरों के खिलाफ इस तरह की कार्रंवाई शुरू कर चुके हैं। कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनका मंत्रालय भी ऐसी

By Edited By: Publish:Sun, 15 Sep 2013 10:34 PM (IST) Updated:Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
धोखाधड़ी करने वालों के नाम प्रकाशित करने पर विचार

नई दिल्ली। कॉरपोरेट और निवेश क्षेत्र में बढ़ते फर्जीवाड़ों से परेशान सरकार अब इन गतिविधियों में शामिल लोगों के नाम प्रकाशित करने पर विचार कर रही है। बैंक और बाजार नियामक सेबी डिफॉल्टरों के खिलाफ इस तरह की कार्रंवाई शुरू कर चुके हैं। कंपनी मामलों के मंत्री सचिन पायलट ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनका मंत्रालय भी ऐसी कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

पायलट ने कहा कि सेबी ने डिफाल्टरों के नाम अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किए हैं। मुझे भी अपने मंत्रालय में यह प्रक्रिया अपनाने में खुशी होगी और मुझे लगता है कि ऐसा किया जाएगा। हालांकि इस पर अंतिम फैसला इसके कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद ही लिया जाएगा। ऐसी कार्रवाई के लिए निजता और मानहानि कानूनों को ध्यान में रखकर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

बैंकों ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टरों के नाम और फोटो समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाकर इन्हें आईना दिखाने का काम शुरू कर दिया है। बाजार नियामक सेबी ने भी ऐसे सभी डिफॉल्टरों की सूची सार्वजनिक की है, जिनके खिलाफ नियामक ने अब तक कार्रवाई की है। पायलट ने कहा कि बैंकों और सेबी की कार्रंवाई को आगे बढ़ाने में मुझे खुशी होगी और मंत्रालय इन विकल्पों पर विचार कर रहा है।

मंत्री ने कहा कि सेबी किसी कंपनी को धन जुटाने से रोक सकता है। कंपनियों के सभी निदेशकों के नाम बेवसाइट पर डाल सकता है। यूरोप और अमेरिका सहित अन्य देशों में भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसलिए मुझे भी अपने मंत्रालय में यह प्रक्रिया अपनाने में खुशी होगी और मेरा मानना है कि ऐसा किया जाएगा।

पायलट ने कहा कि निजता के अधिकार से संबंधित मसला है लेकिन यह एक अच्छा प्रस्ताव है। हम कानूनी पहलुओं पर ध्यान देंगे क्योंकि कोई भी कोर्ट में इस आधार पर कार्रंवाई को चुनौती दे सकता है कि उसकी मानहानि की गई है। लेकिन सैद्धांतिक रूप से यह एक अच्छा विचार है।

देश में करीब 10 लाख रजिस्टर्ड कंपनियां है। कंपनी मामलों के मंत्रालय को कंपनी कानून का उल्लंघन या धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों और उनके प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है। पायलट ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें कुछ लोगों ने कंपनी गठित की और धोखाधड़ी करके दूसरे राज्यों में चले गए। इसके बाद दूसरी कंपनी बनाकर वहां भी फर्जीवाड़ा किया। ऐसे मामलों को रोकने के लिए अब हम सूचनाओं को साझा करने पर जोर दे रहे हैं। ताकि एक बार धोखाधड़ी करने वाले व्यक्ति को देश में कही भी धन जुटाने से रोका जा सके।

chat bot
आपका साथी