गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर, आवंटित चीनी कोटे का अनिवार्य निर्यात दिसंबर तक टला

सरकार मार्केटिंग वर्ष 2019-20 के दौरान 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए 6268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है ताकि अतिरिक्त घरेलू स्टॉक को खत्म किया जा सके और किसानों को गन्ने का भारी बकाया चुकाने में मिलों को मदद मिल सके।

By NiteshEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 03:59 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 03:59 PM (IST)
गन्ना किसानों के लिए अच्छी खबर, आवंटित चीनी कोटे का अनिवार्य निर्यात दिसंबर तक टला
Govt extends sugar export deadline by 3 months

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने चीनी मिलों को इस साल के लिए आवंटित चीनी कोटे का अनिवार्य निर्यात करने के लिए समयसीमा तीन महीने बढ़ाकर दिसंबर तक कर दी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। सरकार ने सितंबर को समाप्त होने वाले 2019-20 के मार्केटिंग वर्ष के लिए अतिरिक्त चीनी के निपटान में मदद के लिए कोटा के तहत 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। 

खाद्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुबोध कुमार सिंह ने कहा, '60 लाख टन में से 57 लाख टन चीनी का अनुबंध हो गया है और मिलों से लगभग 56 लाख टन चीनी निकल चुकी है।' उन्होंने बताया कि इस समय कोविड-19 महामारी के दौरान आवाजाही में कठिनाई के चलते कुछ मिलें अपना स्टॉक भेज नहीं सकीं। सिंह ने कहा, 'महामारी के दौरान कई मिलों को लॉजिस्टिक संबंधी मुद्दों का सामना करना पड़ा। इसलिए, हमने उन्हें अपना कोटा निर्यात करने के लिए दिसंबर तक कुछ और समय देने का फैसला किया है।' 

चीनी मिलों ने ईरान, इंडोनेशिया, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे देशों को चीनी का निर्यात किया है। आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि इंडोनेशिया में चीनी के निर्यात को लेकर गुणवत्ता संबंधी कुछ मुद्दे थे, जिसका अब समाधान हो गया है और जिससे भारत के निर्यात को बढ़ावा मिला है। सरकार मार्केटिंग वर्ष 2019-20 के दौरान 60 लाख टन चीनी के निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है, ताकि अतिरिक्त घरेलू स्टॉक को खत्म किया जा सके और किसानों को गन्ने का भारी बकाया चुकाने में मिलों को मदद मिल सके।

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