भारतीय मानक ब्यूरो ने बदले हॉलमार्किंग मानक, अब तीन ग्रेड में ही मिलेगा सोना

भारतीय मानक ब्यूरो ने सोने की हॉलमार्किंग से जुड़े मानक में बदलाव किया है। अब सोने के आभूषण तीन ग्रेड-14,18 और 22 कैरेट में ही उपलब्ध होंगे

By Surbhi JainEdited By: Publish:Tue, 10 Jan 2017 12:08 PM (IST) Updated:Tue, 10 Jan 2017 04:04 PM (IST)
भारतीय मानक ब्यूरो ने बदले हॉलमार्किंग मानक, अब तीन ग्रेड में ही मिलेगा सोना

नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो ने सोने की हॉलमार्किंग से जुड़े मानक में बदलाव किया है। अब सोने के आभूषण तीन ग्रेड-14,18 और 22 कैरेट में ही उपलब्ध होंगे। गोल्ड ज्वैलरी पर ही उसका ग्रेड दर्ज होगा। मानक में यह बदलाव एक जनवरी से लागू है। साथ ही सोने के सिक्के एवं बार (बिस्किट) पर हॉलमार्क की सील लगाने का लायसेंस केवल रिफायनरी को ही दिया जाएगा।

भारतीय मानक ब्यूरो ने स्वर्ण आभूषण हॉलमार्किंग संबंधी मानकों को पुनरीक्षित (रिवाइज) कर दिया है। नए साल में अब हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी तीन ग्रेड में ही बेची जाएगी। इससे पहले तक हॉलमार्किंग वाले स्वर्ण आभूषण 10 अलग-अलग ग्रेड में बेचे जा रहे थे। इतने प्रकार की शुद्धता वाले आभूषण को लेकर उपभोक्ता भ्रमित होता था।

ज्वैलरी पर इस तरह रहेगी मुहर
मानक ब्यूरो के उपनिदेशक जनसंपर्क ने एक अधिकृत जानकारी में बताया है कि 22 कैरेट अर्थात एक ग्राम सोने में 916 मिलीग्राम शुद्धता, 18 कैरेट यानि 750 मिलीग्राम शुद्धता एवं 14 कैरेट से आशय है 1000 मिलीग्राम सोने में 585 मिलीग्राम शुद्धता। आभूषण जितने कैरेट सोने का होगा उस पर उतने अंक के साथ अंगरेजी का 'के' अक्षर की मुहर रहेगी। मसलन 22 कैरेट के लिए '22 के916' की सील एवं ज्वैलर की पहचान मुहर भी रहेगी।

रिफायनरीज को मिलेगा लायसेंस
सोने के सिक्के एवं बार (बिस्किट) के बारे में हॉलमार्क लायसेंस केवल सोने का शोधन करने वाली रिफाइनरीज को ही दिया जाएगा। सिक्के आदि के लिए ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग का लायसेंस नहीं दिया जाएगा। एक किलोग्राम सोने के बिस्किट को सोने के कारोबार में 'बार' अथवा कैडबरी के नाम से बुलाया जाता है।

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