सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल से 15 हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित

सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते पन्द्रह हजार करोड़ रूपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Fri, 29 Jul 2016 10:06 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jul 2016 10:16 PM (IST)
सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल से 15 हजार करोड़ का लेनदेन प्रभावित

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से जुड़ी नीतियों के खिलाफ देश भर के सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहे। इससे आम लोगों को परेशानी हुई। हड़ताल से 15 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर आयोजित इस हड़ताल से देश भर में 80 हजार बैंक ब्रांचों में कामकाज पर असर पड़ा। यूएफबीयू में एनओबीडब्ल्यू समेत नौ बैंक यूनियनें शामिल हैं। सरकारी बैंकों के उलट निजी क्षेत्र के बैंकों में सामान्य तौर पर कामकाज हुआ है।

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि बैंक कर्मचारियों की इस हड़ताल से उसकी नीतियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) की मुखिया अरुंधती भट्टाचार्य ने भी बैंककर्मियों को सलाह दी है कि उन्हें बदलते वक्त के साथ कदमताल की कोशिश करनी चाहिए। शुक्रवार को जब यहां अरुंधती से बैंक हड़ताल से कामकाज पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इससे बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा है। कर्मचारी जिस आधार पर विरोध कर रहे हैं, वह अनुचित है। उन्हें बदले माहौल को स्वीकार करना चाहिए।

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बैंक कर्मचारियों के संगठन सरकारी बैंको के विलय और निजीकरण का विरोध कर रहे हैं। सरकार ने हाल ही में सबसे पहले एसबीआइ में इसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक के विलय का फैसला किया है। इस निर्णय से भी कर्मचारी खासे नाराज हैं।

उद्योग चैंबर एसोचैम ने कहा है कि सरकारी बैंक पहले से ही मुसीबत में हैं। उनका घाटा बढ़ रहा है। फंसे कर्जे (एनपीए) की स्थिति खराब हो रही है। इस तरह से बैंकिंग गतिविधियों के पूरी तरह से ठप होने से उनके कामकाज पर काफी ज्यादा असर होगा। चैंबर का अनुमान है कि शुक्रवार को हुए हड़ताल से 12,000 करोड़ से 15,000 करोड़ रुपये के लेनदेन पर असर पड़ा है।

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