इस दशक के दौरान सालाना सात फीसद से अधिक विकास दर की उम्मीद: मुख्य आर्थिक सलाहकार

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम का मानना है कि इस दशक के दौरान भारत सालाना सात फीसद से अधिक की वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रहेगा। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान विकास दहाई अंकों में रहेगा।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 10:48 AM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 11:26 AM (IST)
इस दशक के दौरान सालाना सात फीसद से अधिक विकास दर की उम्मीद: मुख्य आर्थिक सलाहकार
के वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि, "भारत इस दशक के दौरान सालाना सात फीसद से अधिक वृद्धि दर्ज करेगा

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम ने कहा है कि, "भारत इस दशक के दौरान सालाना सात फीसद से अधिक की वृद्धि दर्ज करेगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान, विकास दो अंकों में होगा। हालांकि, अगले वित्तीय वर्ष में यह 6.5 से 7 फीसद तक कम हो सकता है।"

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने, बुधवार को यह बयान देते हुए कहा कि, "मजबूत आर्थिक बुनियाद के दम पर, भारत सात फीसद से अधिक की वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रहेगा।"

इस साल जनवरी में जारी आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में, मार्च 2022 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद में 11 फीसद की वृद्धि का अनुमान लगाया था। सर्वेक्षण में कहा गया था कि विकास को सुधारों और नियमों में ढील, ढांचागत निवेश, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के माध्यम से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने, मांग में कमी की वसूली, विवेकाधीन खपत में वृद्धि और वैक्सिनेशन से समर्थन मिलेगा।

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि, "जब आप डेटा को देखते हैं तो वी-आकार की वसूली और तिमाही विकास पैटर्न यह बताते हैं कि, अर्थव्यवस्था के मूल तत्व मजबूत हैं। हमने इस पर जिस तरह के सुधार किए हैं, और आपूर्ति के लिए जो कदम उठाए हैं, वे न केवल इस वर्ष बल्कि आगे भी मजबूत विकास को सक्षम बनाएंगे। सरकार द्वारा किए गए श्रम और कृषि कानूनों सहित विभिन्न संरचनात्मक सुधारों से विकास को सहायता मिलेगी।"

के वी सुब्रमण्यम ने यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) द्वारा आयोजित एक आभासी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, "यह दशक भारत के समावेशी विकास का दशक होगा। वित्तीय वर्ष 2023 में, हम विकास दर 6.5 से 7 फीसद के बीच रहने की उम्मीद करते हैं, और फिर इन सुधारों के प्रभाव को देखते हुए इसमें और तेजी लाने की उम्मीद है। मुझे उम्मीद है कि, भारत के लिए इस दशक में विकास दर औसतन 7 फीसद से ज्यादा होगी।" 

उन्होंने यह भी बताया कि, "सरकार पूंजीगत व्यय पर बहुत जोर दे रही है। साल 2021-22 के केंद्रीय बजट में 5.54 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय प्रदान किया गया है, जो साल 2020-21 के बजट अनुमान से 34.5 फीसद अधिक है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पूंजीगत व्यय का बजट अनुमान 4.12 लाख करोड़ रुपये था।"

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